नीमच

नीमच में सड़क हादसा: 12 साल की बच्ची की मौत, परिवार में शोक

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नीमच के सोनड़ी गांव में बुधवार शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें 12 साल की मासूम बच्ची की जान चली गई। यह घटना उस समय हुई जब बच्ची अपने मामा के साथ सड़क किनारे पैदल जा रही थी। अचानक एक तेज रफ्तार बाइक ने उसे टक्कर मार दी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसे के बाद उसे तुरंत प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे उदयपुर रेफर कर दिया। दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही बच्ची की मौत हो गई।

घटना का विवरण

रामपुरा थाना पुलिस के मुताबिक, मृतका की पहचान भारती पिता गणपत लाल गायरी (निवासी दूधलाई गाँव) के रूप में हुई। हादसे के बाद परिजन उसे तुरंत जिला अस्पताल ले गए, जहां गुरुवार दोपहर पोस्टमॉर्टम किया गया। इसके बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। इस हादसे के बाद से परिवार सदमे में है और गांव में शोक का माहौल बना हुआ है।

बाइक चालक पर कार्रवाई की मांग

परिजनों और ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि बाइक सवार आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाइक तेज रफ्तार में थी और लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और आरोपी चालक की तलाश जारी है।

सड़क सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल

यह कोई पहली घटना नहीं है जब नीमच में सड़क हादसे ने किसी मासूम की जान ली हो। पिछले कुछ महीनों में जिले में कई सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें जानमाल का नुकसान हुआ है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करने और यातायात व्यवस्था को सुधारने की सख्त जरूरत है।

क्या कहते हैं अधिकारी?

रामपुरा थाना प्रभारी राधेश्याम दांगी ने बताया कि फिलहाल मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। पुलिस बाइक चालक की पहचान करने में जुटी है और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने सड़क सुरक्षा को लेकर भी जरूरी कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

स्थानीय लोग क्या कहते हैं?

ग्रामीणों और परिजनों का कहना है कि अगर सड़क पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते तो यह दुर्घटना टाली जा सकती थी। सोनड़ी गाँव और आसपास के इलाकों में तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम लगाने की जरूरत है। इसके अलावा, सड़क किनारे पैदल चलने वालों के लिए सुरक्षित मार्ग और गति सीमा के सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए।

सरकार से क्या उम्मीदें?

स्थानीय लोगों की मांग है कि सड़क सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। सरकार को चाहिए कि:

  1. ब्लाइंड स्पॉट्स पर साइनबोर्ड और स्पीड ब्रेकर लगाए जाएं।
  2. यातायात पुलिस की तैनाती बढ़ाई जाए।
  3. तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग करने वालों पर सख्त कार्रवाई हो।

निष्कर्ष

नीमच में हुई इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा की खामियों को उजागर किया है। बच्ची की मौत से उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। यह समय है कि प्रशासन सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर हो और हादसों को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए।

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