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मंदसौर हादसा: दर्शन के लिए जा रही वैन कुएं में गिरी, 12 की मौत, गांवों में मातम

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मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब एक ईको वैन बाइक से टकराकर अनियंत्रित हो गई और गहरे कुएं में जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि दो बच्चों समेत चार लोग घायल हो गए। हादसे के बाद से संबंधित गांवों में मातम पसरा हुआ है।

यह दुर्घटना मंदसौर जिले के नारायणगढ़ थाना क्षेत्र में बूढ़ा-टकरावद फंटे के पास दोपहर करीब एक बजे हुई। वैन में सवार सभी लोग आंतरी माता मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे थे।

हादसे की पूरी कहानी

जानकारी के अनुसार, वैन उज्जैन जिले के उन्हेल से नीमच जिले के मनासा क्षेत्र स्थित आंतरी माता के दर्शन के लिए निकली थी। तभी अचानक एक बाइक वैन के सामने आ गई, जिससे वैन का संतुलन बिगड़ गया और वह सीधे कुएं में गिर गई। वैन में कुल 14 लोग सवार थे। हादसे में वैन सवार 10 लोगों के साथ-साथ एक बाइक सवार और एक बचावकर्ता ग्रामीण की भी मौत हो गई।

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खोजनखेड़ा में 6 अर्थियां एक साथ उठीं

रतलाम जिले के खोजनखेड़ा गांव में इस हादसे का गहरा असर देखा गया। यहां एक साथ छह अर्थियां उठीं और पूरे गांव में मातम का माहौल था। इसके अलावा पिपलिया और सुरजना गांव से भी एक-एक शवयात्रा निकली। उज्जैन और मंदसौर जिलों के अन्य गांवों में भी अंतिम संस्कार किए गए। परिजनों की चीत्कार से माहौल बेहद गमगीन हो गया।

घायल बच्चे का दर्दनाक बयान

घायल देवेंद्र गहलोत ने बताया कि,

“हम हराखेड़ी, उज्जैन से आंतरी माता के दर्शन करने निकले थे। तभी बाइक वाला अचानक सामने आ गया और टक्कर हो गई। वैन सीधे कुएं में गिर गई। मैं किसी तरह निकलने की कोशिश कर रहा था, तभी किसी ने मुझे बचाया और ऊपर खींच लिया।”

रेस्क्यू ऑपरेशन: जान की बाजी लगाकर बचाव कार्य

हादसे की सूचना मिलते ही ग्रामीणों ने रेस्क्यू शुरू कर दिया। जल्द ही पुलिस, प्रशासन और एसडीईआरएफ (SDERF) की टीम मौके पर पहुंची। डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, कलेक्टर अदिति गर्ग और एसपी अभिषेक आनंद भी मौके पर उपस्थित रहे।

क्रेन के सहारे वैन को कुएं से बाहर निकाला गया, जिसमें शव फंसे हुए थे। कुएं से जहरीली गैस का रिसाव हो रहा था, जिससे रेस्क्यू कार्य और भी खतरनाक हो गया था।

मनोहर सिंह: बहादुरी की मिसाल

मनोहर सिंह, जो मंदसौर के दोरवाड़ी गांव के निवासी थे, वैन में फंसे लोगों को बचाने के लिए कुएं में कूद गए। उन्होंने 4 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, लेकिन जहरीली गैस के कारण उनकी भी जान चली गई। मनोहर सिंह का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।

मृतकों के परिजनों को मुआवजा

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए (2 लाख प्रधानमंत्री राहत कोष और 2 लाख मुख्यमंत्री सहायता कोष से) की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से घायलों को 1 लाख रुपए और सामान्य रूप से घायलों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।

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निष्कर्ष

मंदसौर का यह हादसा हमें ट्रैफिक नियमों के पालन और वाहन सुरक्षा की गंभीरता का एहसास कराता है। साथ ही, मनोहर सिंह जैसे नायकों की बहादुरी भी प्रेरणा देती है कि इंसानियत सबसे बड़ी सेवा है। प्रशासन द्वारा उठाए गए त्वरित कदमों ने यह भी दिखाया कि कठिन समय में सरकार और जनता कैसे एकजुट होकर काम कर सकते हैं।


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