चित्तौड़गढ़

चित्तौड़गढ़ जनसुनवाई में सुनवाई नहीं, समाधान मिला: 65 मामलों में मौके पर कार्रवाई, पालनहार योजना में भी राहत

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आवारा पशु, अतिक्रमण, पेंशन, ट्रांसफार्मर जैसे मुद्दों पर तत्काल आदेश
📍 पालनहार योजना में दो बच्चियों को विशेष श्रेणी में मिला सहारा

📅 चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh News Today):
जनता की आवाज को सुनने और तुरंत समाधान देने के लिए गुरुवार को चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर आलोक रंजन की अध्यक्षता में जिला स्तरीय जनसुनवाई का आयोजन हुआ।
इस जनसुनवाई में 65 से अधिक शिकायतों पर सुनवाई की गई, जिनमें से अधिकांश मामलों में मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को कार्यवाही के निर्देश दे दिए गए।

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✅ जनसुनवाई में उठे प्रमुख मुद्दे

जिन समस्याओं पर जनता ने आवाज उठाई, वे आम जीवन से सीधे जुड़ी हुई थीं:

  • 🐄 शहर में आवारा पशुओं की समस्या
  • 🚧 अतिक्रमण हटाने की मांग
  • 🏠 मकान का पट्टा दिलवाने की गुहार
  • 👵 पेंशन शुरू कराने की याचिका
  • 🧱 स्कूल की चारदिवारी बनवाने का अनुरोध
  • 🚰 टैंकर से पानी आपूर्ति
  • 💡 विद्युत लाइन शिफ्टिंग
  • 👨‍🌾 खेत पर रास्ता दिलवाना
  • 💳 नरेगा, उज्ज्वला योजना, और आधार अपडेट जैसी सरकारी योजनाओं से जुड़ी समस्याएं

कलेक्टर ने हर शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत संबंधित विभाग को निर्देशित किया कि समयसीमा में समाधान सुनिश्चित हो।


🧡 पालनहार योजना: दो बच्चियों को मिला सहारा

👴 रतनलाल की भावुक अपील, कलेक्टर की मानवीय पहल

जनसुनवाई के दौरान बेगूं निवासी रतनलाल सुथार का मामला सबको भावुक कर गया।
उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने दूसरी शादी कर ली है और बहू घर छोड़ चुकी है।
अब उनकी दो पोतियों आरती और कोमल का कोई सहारा नहीं है।

रतनलाल और उनकी पत्नी केवल वृद्धावस्था पेंशन पर गुज़ारा करते हैं।

📌 तत्काल आदेश: पालनहार योजना में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू

जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने तुरंत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग को बुलाया और बच्चियों को पालनहार योजना में शामिल करने के निर्देश दिए।

विशेष श्रेणी के रूप में अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर से अनुमति मिलते ही मामला स्वीकृत हो गया।


💸 हर महीने ₹1500 की सहायता, पढ़ाई और पालन-पोषण में मदद

अब इन दोनों बच्चियों को पालनहार योजना के तहत हर महीने ₹1500 प्रति बच्ची की सहायता राशि मिलेगी।
यह निर्णय न सिर्फ मानवीयता का प्रतीक है, बल्कि प्रशासन की संवेदनशीलता का उदाहरण भी है।


🎯 जिला कलेक्टर की स्पष्ट नीति: “समय पर समाधान मिले, यही प्रशासन का धर्म है”

कलेक्टर ने सभी विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनसुनवाई में प्राप्त प्रकरणों का जल्द से जल्द समाधान करें।
उन्होंने यह भी कहा कि जनता को बार-बार चक्कर लगाने की ज़रूरत न पड़े, इसके लिए विभागीय समन्वय मजबूत किया जाए।

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👮‍♂️ प्रशासनिक सजगता की सराहना

इस जनसुनवाई में न सिर्फ शिकायतें सुनी गईं, बल्कि अधिकतर मामलों में तत्काल कार्रवाई भी शुरू की गई।
जनता ने इस कार्यप्रणाली की खुले दिल से तारीफ की और प्रशासन को धन्यवाद दिया।


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