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नीमच में वकीलों ने नए न्यायालय परिसर में बुनियादी सुविधाओं की कमी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है। 1 अप्रैल से न्यायालय का कामकाज नए भवन में शुरू हो गया, लेकिन वकीलों और पक्षकारों के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण वकील असंतोष में हैं।
🚩 वकीलों का विरोध प्रदर्शन कैसे शुरू हुआ?
- बुधवार को वकीलों ने वाहन रैली निकाली, जो पुराने कोर्ट परिसर से शुरू होकर नए न्यायालय परिसर तक पहुंची।
- नारेबाजी करते हुए वकीलों ने विरोध जताया और धरना स्थल पर सुंदरकांड का पाठ किया।
- प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारियों को सद्बुद्धि प्राप्त हो, इसके लिए यज्ञ का आयोजन किया गया।
🔥 वकीलों को मिल रहा व्यापक समर्थन
वकीलों के इस आंदोलन को आसपास के अभिभाषक संघों से भी समर्थन मिल रहा है:
✅ जावद, मनासा, मंदसौर और उज्जैन के वकीलों ने अपना समर्थन दिया।
✅ उज्जैन के कई वकील आज के प्रदर्शन में शामिल हुए।
✅ पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने भी वकीलों की मांगों का समर्थन करते हुए विभाग से जल्द समाधान की अपील की।
🏛️ क्या हैं वकीलों की मुख्य मांगे?
1️⃣ बैठने की उचित व्यवस्था – वकीलों और पक्षकारों के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं।
2️⃣ आधुनिक सुविधाओं का अभाव – नए भवन में पेयजल, टॉयलेट, और फर्नीचर जैसी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं।
3️⃣ प्रशासन की अनदेखी – लगातार शिकायतों के बावजूद प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
🚨 आगे की रणनीति क्या होगी?
वकीलों ने साफ कर दिया है कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
क्या प्रशासन इस पर कोई कार्यवाही करेगा? या फिर वकीलों को अपने न्यायिक अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी?
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