संसद में वीर राणा सांगा का अपमान
समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा राज्यसभा में दिए गए बयान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। उन्होंने कहा था कि “बाबर को भारत में इब्राहीम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था।” साथ ही उन्होंने हिंदुओं को “गद्दार राणा सांगा की औलाद” कहकर संबोधित किया, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया।
उदयपुर राजपरिवार की प्रतिक्रिया
उदयपुर के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि “बड़ा दुर्भाग्य है कि संसद में मेवाड़ के वीरों के लिए ऐसी बात कही गई।” उन्होंने यह भी कहा कि देश की संसद को ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ मजबूत संदेश और मिसाल कायम करनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई इस तरह की टिप्पणी करने की हिम्मत न करे।
लक्ष्यराज सिंह की जिम्मेदारी
हाल ही में लक्ष्यराज सिंह के पिता, अरविंद सिंह मेवाड़ का निधन हुआ था। गद्दी उत्सव के दौरान उन्होंने अपने पिता की विरासत को आगे ले जाने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा:
“पिताजी ने पर्यटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने तब टूरिज्म पर काम किया, जब इस सोच को कोई अपनाने के लिए तैयार नहीं था। आज उदयपुर का नाम वैश्विक स्तर पर जाना जाता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता की मेहनत और योगदान की बदौलत ही आज उदयपुर पर्यटन मानचित्र पर चमक रहा है। अब उनकी जिम्मेदारी है कि वे इस विरासत को और आगे ले जाएं।
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राणा सांगा पर दिए गए बयान पर देशभर में विरोध
रामजीलाल सुमन के बयान के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए। राजस्थान में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना उदयपुर इकाई के अध्यक्ष अर्जुन सिंह चूंडावत ने तो सपा सांसद की जुबान काटने पर 5.51 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा कर दी। 26 मार्च को करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने आगरा स्थित सांसद के घर पर हमला कर तोड़फोड़ भी की। हालांकि, उस वक्त सांसद वहां मौजूद नहीं थे।
संसद में विवादास्पद बयानबाजी की निंदा
सांसद सुमन के बयान को लेकर देशभर में आक्रोश है। राणा सांगा को इतिहास में एक वीर योद्धा के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने मुगलों और विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ संघर्ष किया। ऐसे में इस तरह की बयानबाजी से न केवल एक वीर योद्धा का अपमान हुआ है, बल्कि यह भारतीय इतिहास और संस्कृति पर भी एक गंभीर हमला है।
निष्कर्ष
ऐसे विवादास्पद बयानों पर सख्त कार्रवाई की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई भी राष्ट्र के वीरों का अपमान करने का साहस न करे। लक्ष्यराज सिंह सहित कई नेताओं और संगठनों ने संसद से सख्त कदम उठाने की मांग की है।

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