प्रतापगढ़ के नंद-मार्ग क्षेत्र में सोमवार देर रात एक भंगार सामग्री के गोदाम में भीषण आग लगने की घटना ने पूरे शहर को दहला दिया। करीब 10:30 बजे शुरू हुई इस आग को बुझाने में चार दमकलों को ढाई घंटे से अधिक का समय लग गया। मंगलवार सुबह तक भी धुंए के गुबार उठते रहे, जिससे इस अग्निकांड की भयावहता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
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घटनास्थल पर अफरा-तफरी, दमकल टीम की कड़ी मशक्कत
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आग इतनी विकराल थी कि पास की रिहायशी कॉलोनियों और दुकानों के लोग घर छोड़कर बाहर निकल आए। डर का माहौल इतना था कि रात 1 बजे तक घटनास्थल पर भीड़ जमा रही।
दमकल की चार गाड़ियों ने मौके पर पहुंचकर करीब ढाई घंटे में आग पर काबू पाया, लेकिन सुबह तक गोदाम से धुंआ उठता रहा, जिसे बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को दोबारा बुलाया गया।
🔥 अनुमानित नुकसान:
- 70 प्रतिशत माल जलकर खाक
- लाखों रुपये का नुकसान संभावित
- कोई जनहानि नहीं, लेकिन सुरक्षा पर सवाल
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रिहायशी क्षेत्र में व्यावसायिक गोदाम: एक गंभीर खतरा
नंद-मार्ग क्षेत्र, जहां यह घटना हुई, नगर परिषद के अंतर्गत आता है। यहां कई टीनशेड और गोदाम अवैध रूप से रिहायशी इलाकों में संचालित हो रहे हैं। इस अग्निकांड ने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि:
❓ क्या प्रशासन ऐसे अवैध गोदामों से वाकिफ है?
❓ क्या अग्निशमन मानकों का पालन हो रहा है?
यह कोई पहली घटना नहीं है — पिछले वर्ष अम्बेडकर सर्कल के पास एक टेंट गोदाम में आग लगी थी, जिसमें लाखों का नुकसान हुआ था।
प्रशासनिक चूक या नियमों की अनदेखी?
स्थानीय निवासियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का मानना है कि:
- नगर परिषद को अवैध व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगानी चाहिए
- अग्निशमन सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए
- हर गोदाम और टीनशेड की फायर सेफ्टी ऑडिट कराई जाए
🗣️ स्थानीय आवाज़:
“हर बार आग बुझा ली जाती है, लेकिन असली कार्रवाई कभी नहीं होती। क्या अगली बार किसी की जान जाने के बाद ही प्रशासन जागेगा?” – निवासी, नंद-मार्ग
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नगर परिषद का बयान: जांच के आदेश
नगर परिषद आयुक्त ललित सिंह ने कहा:
“जिस स्थान पर आग लगी वह निजी क्षेत्र है। यहां भंगार सामग्री का गोदाम किस अनुमति के तहत चल रहा था, इसकी जांच कराई जाएगी।”
इस बयान से यह स्पष्ट है कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि क्या गोदाम वैध था या नहीं। ऐसे में प्रशासन को न केवल इस घटना की जांच करनी होगी, बल्कि भविष्य में सख्त नियमन लागू करना होगा।
भविष्य के लिए क्या कदम ज़रूरी?
प्रतापगढ़ जैसे शहरों में जहां घनी आबादी के बीच व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं, वहां इस प्रकार की घटनाएं और भी खतरनाक हो सकती हैं। इसके लिए जरूरी है कि:
✅ समाधान और सुझाव:
- नगर परिषद द्वारा हर गोदाम की फायर ऑडिट रिपोर्ट तैयार की जाए
- अवैध रूप से संचालित व्यवसायों को तुरंत सील किया जाए
- जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों को फायर सेफ्टी के नियमों की जानकारी दी जाए
- दमकल विभाग को अधिक संसाधन और स्टाफ उपलब्ध कराया जाए
निष्कर्ष
नंद-मार्ग क्षेत्र की यह घटना सिर्फ एक अग्निकांड नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक है। बार-बार हो रही ऐसी घटनाएं हमें चेतावनी देती हैं कि अब वक्त आ गया है कड़े निर्णय लेने का, ताकि भविष्य में कोई बड़ी त्रासदी न हो।
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