उज्जैन, मध्यप्रदेश — विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में श्रावण माह के शुक्रवार तड़के भव्य भस्म आरती का आयोजन हुआ। सुबह मंदिर के कपाट खोलते ही पूरा परिसर हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा।
📿 आरती की शुरुआत
भोर में सबसे पहले सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन किया गया और घंटी बजाकर भगवान से आज्ञा ली गई। इसके बाद सभा मंडप के चांदी के पट खोले गए।
गर्भगृह के पट खोलकर पुजारियों ने भगवान महाकाल का श्रृंगार उतारकर पंचामृत पूजन किया और कर्पूर आरती अर्पित की।
🕉️ नंदी जी का पूजन
नंदी हाल में स्थित नंदी जी का स्नान, ध्यान और पूजन किया गया। जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया।

💎 भगवान महाकाल का भव्य श्रृंगार
पूजन के बाद भगवान महाकाल को रजत चंद्र त्रिशूल मुकुट और आभूषण अर्पित किए गए।
भांग, चंदन, ड्रायफ्रूट और भस्म चढ़ाई गई।
शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुण्डमाल, रुद्राक्ष की माला और सुगंधित पुष्पों से बनी फूलों की माला धारण कर भगवान महाकाल का श्रृंगार पूर्ण हुआ।
🍯 भोग और भस्म अर्पण
भगवान को फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया।
महा निर्वाणी अखाड़ा की ओर से भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की गई।
मान्यता है कि भस्म अर्पण के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में भक्तों को दर्शन देते हैं।
🙏 श्रद्धालुओं का उमड़ा सैलाब
भस्म आरती में बड़ी संख्या में देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भाग लिया।
श्रद्धालुओं ने महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना कर बाबा महाकाल का आशीर्वाद प्राप्त किया।
श्रावण माह में यह आयोजन अत्यंत विशेष माना जाता है, क्योंकि इस दौरान महादेव की आराधना का असीम पुण्यफल मिलता है।

📌 महाकालेश्वर मंदिर की महिमा
श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इसे त्रिकालदर्शी एवं अक्षय ज्योतिर्लिंग माना जाता है।
मान्यता है कि यहां दर्शन-पूजन करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
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