Pratapgarh News (प्रतापगढ़ न्यूज़): पॉक्सो एक्ट न्यायालय प्रतापगढ़ ने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में कड़ा और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। विशिष्ट न्यायाधीश डॉ. प्रभात अग्रवाल ने आरोपी शांतिलाल (28), निवासी भीमपुरा हिंगलाट, थाना सालमगढ़ को 20 वर्ष के कठोर कारावास और ₹20,000 अर्थदंड से दंडित किया।
👩⚖️ अदालत का सख्त रुख
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि –
👉 “नाबालिग के साथ इस तरह का जघन्य अपराध समाज के लिए घातक है, इसलिए आरोपी को कड़ी सजा मिलनी आवश्यक है।”
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📖 मामला कैसे शुरू हुआ?
- पीड़िता (उम्र 17 वर्ष) डेढ़ माह पहले अपनी मौसी के घर से लौट रही थी, तभी रास्ते में लापता हो गई।
- कुछ दिन बाद आरोपी शांतिलाल ने खुद फोन कर बताया कि लड़की उसके पास है।
- लॉकडाउन के कारण परिवार तुरंत तलाश नहीं कर सका।
- बाद में जानकारी मिली कि शांतिलाल अपने घर से भी गायब है।
🔎 पुलिस जांच और सबूत
- पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी ने नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगा ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।
- पुलिस ने पूरे मामले की तफ्तीश कर चार्जशीट अदालत में पेश की।
- अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह और 28 दस्तावेज़ न्यायालय में प्रस्तुत किए गए।
- विशिष्ट लोक अभियोजक आशुतोष जोशी ने मजबूत पैरवी कर अदालत को संतुष्ट किया कि आरोपी ने गंभीर अपराध किया है।
⚖️ अदालत का फैसला
- धारा 376 भादसं. एवं 3/4 पॉक्सो एक्ट के तहत – 20 वर्ष कठोर कारावास + ₹20,000 जुर्माना।
- धारा 376(2)(छ) भादसं. एवं 5(स)/6 पॉक्सो एक्ट के तहत – 20 वर्ष कठोर कारावास + ₹20,000 जुर्माना।
👉 कुल मिलाकर आरोपी को 20 साल की सजा और जुर्माने की सजा दी गई।

📌 निष्कर्ष
यह फैसला न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में अहम है, बल्कि समाज को संदेश देता है कि नाबालिग से दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
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