नगर परिषद निंबाहेड़ा में शामिल करने के फैसले का विरोध
रानीखेड़ा के ग्रामीणों ने अपने गांव को नगर परिषद निंबाहेड़ा में शामिल करने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। गुरुवार को विधायक श्रीचंद कृपलानी और एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर उन्होंने अपनी मांग स्पष्ट रूप से रखी।
ग्रामीणों की प्रमुख आपत्तियां
- आवश्यक सेवाओं तक पहुंच की समस्या: गांव को नगर परिषद में शामिल करने से सरकारी कार्यों के लिए निंबाहेड़ा जाना पड़ेगा, जिससे लोगों को असुविधा होगी।
- किसानों पर असर: गांव के अधिकांश लोग खेती-किसानी में व्यस्त रहते हैं, ऐसे में बार-बार शहर जाना उनके लिए मुश्किल होगा।
- आर्थिक बोझ: नगर परिषद में आने से अतिरिक्त करों का बोझ बढ़ जाएगा।
- योजनाओं का नुकसान: ग्रामीणों को केंद्र और राज्य सरकार की ग्रामीण विकास योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।
ग्राम पंचायत की मौजूदा व्यवस्था पर संतोष
ग्रामीणों का कहना है कि वे वर्तमान ग्राम पंचायत व्यवस्था से संतुष्ट हैं और किसी भी हाल में इसे बदलना नहीं चाहते। उन्होंने एक स्वर में गांव को नगर परिषद में शामिल न करने की मांग की।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख लोग
इस विरोध प्रदर्शन में वार्ड पंच मथुरालाल, दिनेशचंद्र, रामनारायण समेत कई ग्रामवासी मौजूद थे। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि उनकी मांग को गंभीरता से लिया जाए।
राजस्थान और मेवाड़ से जुड़ी अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें

#रानीखेड़ा #निंबाहेड़ा #ग्राम_पंचायत #नगर_परिषद #ग्रामीण_विकास #राजस्थान #मेवाड़ #खेती #सरकारी_योजनाएं