नीमच, मध्यप्रदेश
परंपरागत खेती से हटकर अब मालवांचल के किसान विदेशी ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं। नीमच जिले के मनासा तहसील के हरीश पाटीदार और महेश भट्ट ने कोविड के समय एक नई शुरुआत की।
दोनों ने दो साल तक ऑनलाइन और ऑफलाइन रिसर्च की, फिर एक बीघा में ड्रैगन फ्रूट के 300 पौधे लगाए। अब उन्हें 4 से 5 टन उत्पादन की उम्मीद है।
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🐉 ड्रैगन फ्रूट की खेती: फायदे और संभावनाएं
1️⃣ 25 साल तक फल देने वाला पौधा
हरीश पाटीदार बताते हैं कि ड्रैगन फ्रूट का पौधा 25 साल तक फल देता है।
- एक साल बाद पौधा फल देना शुरू कर देता है।
- बाजार में प्रति नग 150-200 रुपए तक बिकता है।
- होलसेल रेट में कीमत 80-100 रुपए तक रहती है।
2️⃣ भारत में भी बन रहा है प्रोडक्शन हब
पहले ड्रैगन फ्रूट अमेरिका, वियतनाम, थाईलैंड से आता था।
अब भारत में भी इसका प्रोडक्शन हो रहा है।
- गुजरात ने इसे ‘कमलम’ नाम दिया है।
- उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र में भी इसकी खेती की जा रही है।
🌡️ मौसम और तापमान की भूमिका
ड्रैगन फ्रूट के लिए 20 से 30 डिग्री सेल्सियस तापमान आदर्श है।
यह हल्की ठंडक सहन कर सकता है लेकिन पाले में नुकसान हो सकता है।
सितंबर से फरवरी के बीच उत्पादन होता है।
42 से 45 डिग्री तापमान में भी यह हराभरा रहता है।
🌱 कैसे करें ड्रैगन फ्रूट की खेती?
बोवनी का समय और तरीका
- मार्च और अप्रैल सबसे अच्छा समय
- बीज और पौधे दोनों से कर सकते हैं खेती
- बीज से लगाने पर फल 4-5 साल में आता है।
- कलम (कटिंग) से लगाएंगे तो 2 साल में फल आना शुरू हो जाता है।
ड्रिप सिंचाई से कम पानी में खेती
- पौधों को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती।
- ड्रिप सिस्टम से सिंचाई की जाती है।
- गड्ढों में 50% जैविक खाद, 20% रेत और 30% मिट्टी का मिश्रण डाला जाता है।
- सहारे के लिए लकड़ी या कंक्रीट के खंभे लगाए जाते हैं।
📋 ड्रैगन फ्रूट की खेती की मुख्य बातें
- अच्छी जल निकासी वाली रेतीली या दोमट मिट्टी उपयुक्त
- पौधों के लिए अच्छी धूप और रोशनी जरूरी
- 30-40 डिग्री तापमान में भी उत्पादन संभव
- नमी बनी रहे, लेकिन अतिरिक्त पानी से बचें
- फंगस का थोड़ा खतरा, लेकिन अन्य बीमारियों की आशंका कम
⚠️ सावधानियां
- खेत में जलजमाव से बचें
- अत्यधिक पानी से फसल खराब हो सकती है।
- मिट्टी का pH स्तर 5.5 से 7 के बीच होना चाहिए।
- हीट वेव से बचाव के लिए पास में दूसरी फसल लगाना बेहतर।
🌍 दुनिया में 153 वैरायटी, MP में ‘सियाम रेड’ सबसे उपयुक्त
ड्रैगन फ्रूट की दुनिया में 153 वैरायटी हैं।
हरीश पाटीदार ने सियाम रेड किस्म लगाई है जो मध्यप्रदेश के मौसम के लिए उपयुक्त है।
- लाल फल अंदर से भी लाल होता है।
- पीला फल अंदर से सफेद होता है।
- सेल्फ लाइफ 18-20 दिन की है।
💡 किसान क्यों कर रहे हैं ड्रैगन फ्रूट की खेती?
- पारंपरिक फसलों जैसे गेहूं, चना, सोयाबीन में लागत ज्यादा, मुनाफा कम
- ड्रैगन फ्रूट में कम पानी, कम लागत में ज्यादा मुनाफा
- बाजार में मांग बढ़ रही है, खासकर डेंगू और स्वास्थ्य लाभ के कारण
📌 जावद, मनासा, सिंगोली में भी हो रही है शुरुआत
नीमच जिले के आसपास के क्षेत्रों जैसे जावद, मनासा, सिंगोली में भी अब कुछ किसान ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं।
यह क्षेत्र इसके लिए मौसम के लिहाज से उपयुक्त है।
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