मंदसौर जिले के जग्गा खेड़ी गांव में शराब दुकान को लेकर विवाद लगातार गहराता जा रहा है। आबादी क्षेत्र में शराब दुकान खुलने से नाराज ग्रामीणों ने दो दिन पहले दुकान पर जमकर तोड़फोड़ की थी। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कुछ ग्रामीणों को गिरफ्तार कर लिया, जिसमें ग्राम सरपंच के पति का नाम भी शामिल है। इसी गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस नेताओं और सैकड़ों ग्रामीणों ने मिलकर एसपी कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा।
📍 आबादी क्षेत्र में शराब दुकान, ग्रामीणों में आक्रोश
गांव के ग्राम पंचायत भवन, सरकारी स्कूल और धार्मिक स्थल के पास शराब दुकान खोली गई, जिसे लेकर ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस दुकान के कारण गांव के माहौल पर बुरा असर पड़ रहा है, बच्चों की सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है, और महिलाओं को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
🚩 तोड़फोड़ के बाद पुलिस ने की गिरफ्तारी
ग्रामीणों ने जब कई बार शिकायत करने के बाद भी प्रशासन से कोई सुनवाई नहीं देखी, तो उन्होंने शराब दुकान में तोड़फोड़ कर दी। दुकान की शराब की बोतलों को सड़क पर फेंका गया और वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। इसके बाद शराब ठेकेदार ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने वीडियो के आधार पर ग्राम सरपंच रेखा गुर्जर के पति सहित कुछ लोगों को गिरफ्तार किया।
📝 पूर्व में दी गई थी दुकान हटाने की लिखित शिकायत
25 मार्च को ग्राम सरपंच रेखा गुर्जर ने जिला आबकारी अधिकारी को पत्र लिखकर दुकान हटाने की लिखित मांग की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन की निष्क्रियता के चलते ग्रामीणों का आक्रोश और अधिक बढ़ गया, जो अंततः तोड़फोड़ में बदल गया।
🤝 कांग्रेस नेताओं ने ग्रामीणों के साथ मिलकर दिया ज्ञापन
सोमवार को कांग्रेस नेता महेंद्र सिंह गुर्जर, जिला पंचायत सदस्य दीपक गुर्जर और श्यामलाल जोकचंद के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीण एसपी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने तीन मुकदमे दर्ज होने को अनुचित बताया और दोषमुक्त ग्रामीणों की रिहाई की मांग की।
ज्ञापन में स्पष्ट रूप से यह कहा गया कि:
- ग्रामीणों की मांग जायज है।
- शराब दुकान को आबादी क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित किया जाए।
- पुलिस कार्रवाई पक्षपातपूर्ण प्रतीत हो रही है।
📌 क्या कहती है जनता?
ग्रामीणों का कहना है कि,
“हमने शांतिपूर्वक आवेदन दिया था, पर जब सुनवाई नहीं हुई तो हमें सख्त कदम उठाना पड़ा। अब उल्टा हमारे निर्दोष लोगों पर ही कार्रवाई की जा रही है। हम यह नहीं सहेंगे।”
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📣 निष्कर्ष
मंदसौर शराब दुकान विवाद अब प्रशासनिक स्तर तक पहुंच चुका है। ग्रामीणों की मांग है कि दुकान को आबादी क्षेत्र से हटाया जाए, ताकि गांव का माहौल खराब न हो। कांग्रेस नेताओं का समर्थन मिलने से यह मुद्दा और जोर पकड़ रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या फैसला लेता है।

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