चित्तौड़गढ़ समाचार: मंगलवाड़ सरपंच की गिरफ्तारी, सचिव के जाली हस्ताक्षर से जारी किए फर्जी पट्टे
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड़ पंचायत समिति क्षेत्र में एक गंभीर घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। पंचायत समिति के सचिव के जाली हस्ताक्षर करके सरपंच ने फर्जी पट्टे जारी किए थे, जिससे सरकारी धन की हानि हुई है। इस मामले में सरपंच को गिरफ्तार कर लिया गया है, और जांच जारी है।

मामला क्या है?
मंगलवाड़ पंचायत समिति क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से फर्जी पट्टे जारी होने की शिकायतें मिल रही थीं। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों को बिना पात्रता के पट्टे दिए गए हैं। जांच में पता चला कि सरपंच रामनिवास यादव ने सचिव के जाली हस्ताक्षर से फर्जी पट्टे जारी किए थे। इन पट्टों के माध्यम से सरकारी भूमि का अवैध आवंटन किया गया था।
गिरफ्तारी और कार्रवाई
जिला कलेक्टर के निर्देश पर एक विशेष जांच समिति बनाई गई। समिति ने जांच के दौरान सरपंच रामनिवास यादव के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए। इसके बाद, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सरपंच के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और जाली दस्तावेज बनाने के आरोप हैं।
सचिव की भूमिका
जांच में यह भी सामने आया कि पंचायत समिति के सचिव सुरेश कुमार के जाली हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था। सुरेश कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों ने इस घोटाले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले के कारण कई पात्र व्यक्तियों को उनके हक से वंचित किया गया। ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन की ओर से कदम
जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी। इसके साथ ही, पंचायत राज विभाग ने सभी पंचायत समितियों में दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसे घोटाले न हों।
निष्कर्ष
मंगलवाड़ पंचायत समिति में हुए इस फर्जी पट्टा घोटाले ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। आशा है कि जांच के माध्यम से सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
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चित्तौड़गढ़ समाचार: मंगलवाड़ सरपंच की गिरफ्तारी, सचिव के जाली हस्ताक्षर से जारी किए फर्जी पट्टे
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड़ पंचायत समिति क्षेत्र में एक गंभीर घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। पंचायत समिति के सचिव के जाली हस्ताक्षर करके सरपंच ने फर्जी पट्टे जारी किए थे, जिससे सरकारी धन की हानि हुई है। इस मामले में सरपंच को गिरफ्तार कर लिया गया है, और जांच जारी है।
मामला क्या है?
मंगलवाड़ पंचायत समिति क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से फर्जी पट्टे जारी होने की शिकायतें मिल रही थीं। स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कुछ लोगों को बिना पात्रता के पट्टे दिए गए हैं। जांच में पता चला कि सरपंच रामनिवास यादव ने सचिव के जाली हस्ताक्षर से फर्जी पट्टे जारी किए थे। इन पट्टों के माध्यम से सरकारी भूमि का अवैध आवंटन किया गया था।
गिरफ्तारी और कार्रवाई
जिला कलेक्टर के निर्देश पर एक विशेष जांच समिति बनाई गई। समिति ने जांच के दौरान सरपंच रामनिवास यादव के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए। इसके बाद, पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सरपंच के खिलाफ भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और जाली दस्तावेज बनाने के आरोप हैं।
सचिव की भूमिका
जांच में यह भी सामने आया कि पंचायत समिति के सचिव सुरेश कुमार के जाली हस्ताक्षर का उपयोग किया गया था। सुरेश कुमार के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। उन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
ग्रामीणों ने इस घोटाले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले के कारण कई पात्र व्यक्तियों को उनके हक से वंचित किया गया। ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
प्रशासन की ओर से कदम
जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी। इसके साथ ही, पंचायत राज विभाग ने सभी पंचायत समितियों में दस्तावेजों की जांच के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसे घोटाले न हों।
निष्कर्ष
मंगलवाड़ पंचायत समिति में हुए इस फर्जी पट्टा घोटाले ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। आशा है कि जांच के माध्यम से सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।