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प्रतापगढ़: अरनोद कृषि मंडी में पहली बार समर्थन मूल्य केंद्र, किसानों में दिखा उत्साह

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भारतीय खाद्य निगम की पहल से किसानों को राहत, सीधा भुगतान और बोनस का लाभ

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की अरनोद कृषि उपज मंडी में इस वर्ष एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। यहां पहली बार भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं खरीद केंद्र स्थापित किया गया है।
इस केंद्र की शुरुआत 25 मार्च से हुई और तभी से किसानों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। बड़ी संख्या में किसान अपनी उपज बेचने के लिए मंडी पहुंच रहे हैं।

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920 मीट्रिक टन गेहूं की अब तक हुई खरीद

क्वालिटी इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने जानकारी दी कि अभी तक 120 किसानों से 920 मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की जा चुकी है। इसके अलावा लगभग 300 किसानों ने केंद्र पर पंजीयन कराया है, जो आने वाले दिनों में अपनी उपज बेचने की तैयारी में हैं।

🔹 गेहूं का समर्थन मूल्य: ₹2,425 प्रति क्विंटल
🔹 राज्य सरकार का बोनस: ₹150 प्रति क्विंटल अतिरिक्त
🔹 भुगतान प्रक्रिया: 48 घंटे में जन आधार खातों में सीधा भुगतान


केंद्र 30 जून तक रहेगा सक्रिय

इस समर्थन मूल्य केंद्र को 30 जून 2025 तक जारी रखा जाएगा। किसानों को केंद्र पर लाने और उन्हें सरकारी लाभों से जोड़ने के लिए कृषि विभाग और स्थानीय प्रशासन सक्रिय सहयोग कर रहा है। इसका उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा किसान बिचौलियों से बचकर सीधी बिक्री कर सकें और न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ प्राप्त करें।


MSP और बोनस का लाभ: किसानों को क्यों है जरूरी?

भारत में हर साल MSP घोषित किया जाता है ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। लेकिन कई बार इन कीमतों तक किसान पहुंच ही नहीं पाते। इस बार अरनोद में समर्थन मूल्य केंद्र की स्थापना से:

  • किसानों को उचित मूल्य मिलने लगा है
  • बिचौलियों का दखल कम हुआ है
  • पारदर्शी भुगतान व्यवस्था से किसानों को भरोसा मिल रहा है

सीधा भुगतान: पारदर्शिता और भरोसे की नींव

राज्य सरकार द्वारा जन आधार योजना के तहत सभी किसानों का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। इससे भुगतान की प्रक्रिया हुई:

  • तेज़ और पारदर्शी
  • भ्रष्टाचार रहित
  • डिजिटल इंडिया के विजन को समर्थन

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अरनोद मंडी: क्षेत्र में कृषि व्यवस्था को नया आयाम

प्रतापगढ़ ज़िले की अरनोद कृषि मंडी में यह केंद्र न सिर्फ स्थानीय किसानों को लाभ पहुंचा रहा है, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए यह आदर्श मॉडल बन सकता है। आने वाले वर्षों में अन्य मंडियों में भी इस तरह के केंद्र खोलने की संभावना बढ़ गई है।


स्थानीय किसानों की राय

कई किसानों ने बताया कि उन्हें पहली बार इतनी जल्दी और पारदर्शिता से भुगतान मिला है। एक किसान ने कहा,

“पहले हमें उपज बेचने के बाद कई दिनों तक भुगतान का इंतज़ार करना पड़ता था। अब 48 घंटे में पैसा बैंक में आ जाता है। यह बदलाव बहुत राहत देने वाला है।”


निष्कर्ष: किसानों की आय और आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त कदम

अरनोद मंडी का समर्थन मूल्य केंद्र किसानों की आर्थिक मजबूती और सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस प्रयास है। यह पहल सरकार की उस सोच को भी दर्शाता है, जिसमें किसानों को मजबूत बनाना और उन्हें आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाना प्राथमिकता है।


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