प्रतापगढ़ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञान देव आहूजा के विवादित बयान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। आहूजा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के राम मंदिर में प्रवेश को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसमें उन्होंने मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करने की बात कही थी। इस बयान से दलित समुदाय और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया।
गांधी चौराहे पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह राणावत के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी चौराहे पर एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने आहूजा का पुतला जलाया और भाजपा के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन में कांग्रेस के विधायक, पूर्व विधायक, जिला प्रमुख, नगर पालिका प्रतिनिधि, विभिन्न मोर्चों के पदाधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
भाजपा पर समाज को बांटने का आरोप
भानु प्रताप सिंह राणावत ने भाजपा नेताओं पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस तरह की बयानबाजी समाज में विभाजन पैदा करने का प्रयास है। उन्होंने भाजपा से इस आपत्तिजनक टिप्पणी पर सार्वजनिक माफी की मांग की और चेतावनी दी कि यदि माफी नहीं मांगी गई तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
दलित समुदाय में आक्रोश
ज्ञान देव आहूजा के बयान से दलित समुदाय में गहरा आक्रोश है। समुदाय के नेताओं का कहना है कि इस तरह की टिप्पणियां संविधान और सामाजिक समरसता के खिलाफ हैं। उन्होंने मांग की है कि भाजपा ऐसे नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। पार्टी के स्थानीय नेताओं का कहना है कि वे मामले की जानकारी ले रहे हैं और उचित समय पर बयान देंगे।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
इस घटना से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। कांग्रेस ने इसे दलितों के सम्मान से जुड़ा मामला बताते हुए केंद्र और राज्य सरकार से आहूजा के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है। वहीं, भाजपा पर समाज को बांटने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने कहा है कि वे इस मुद्दे को लेकर राज्यभर में आंदोलन करेंगे।
निष्कर्ष
ज्ञान देव आहूजा के विवादित बयान के बाद प्रतापगढ़ में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन दर्शाता है कि समाज में इस तरह की टिप्पणियों के प्रति असहिष्णुता बढ़ रही है। दलित समुदाय और कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आक्रोश यह संकेत देता है कि समाज में समानता और सम्मान के लिए संघर्ष जारी है। भाजपा को चाहिए कि वह इस मामले में स्पष्ट रुख अपनाए और समाज में समरसता बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए।
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