जानिए कैसे अफीम का गढ़ बना एमडी ड्रग का नया हब और कैसे देशभर में फैलाया जा रहा है इसका जाल।
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🌲 जंगलों में शिफ्ट हुई एमडी ड्रग फैक्ट्रियां
राजस्थान का प्रतापगढ़ जिला, जो कभी अफीम के लिए जाना जाता था, अब एमडी ड्रग (Methamphetamine) का नया गढ़ बन गया है। पहले ये फैक्ट्रियां पश्चिमी राजस्थान में चलती थीं, लेकिन अब यह कारोबार घने जंगलों में छिपाकर किया जा रहा है।
एमडी बनाने वाली फैक्ट्रियां अब अरनोद और देवल्दा जैसे इलाकों में शिफ्ट हो चुकी हैं, जहां नशे का करोड़ों का स्टॉक और हथियारों का जखीरा भी छुपाकर रखा गया है।
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💣 भारी मात्रा में हथियार और जानलेवा मंसूबे
तस्करों ने अपने गोदामों में सिर्फ ड्रग्स ही नहीं, बल्कि बंदूकें, पिस्टल और जिंदा कारतूस भी रखे हुए हैं। अनजान व्यक्ति दिखते ही गोली मार देने से भी नहीं चूकते। इसका सबसे बड़ा उदाहरण हाल ही में सामने आया जब पुलिस ने पोल्ट्री फार्म से 4 करोड़ की एमडी के साथ हथियार बरामद किए।
📦 केस स्टडीज: कैसे ऑपरेट हो रहा है यह नेटवर्क
✅ केस 1: पोल्ट्री फार्म बना गोदाम
6 अप्रैल 2025 को अरनोद थाना पुलिस ने एक पोल्ट्री फार्म पर छापा मारा, जहां से 1.65 किलो एमडी ड्रग, 3 किलो क्रिस्टल पाउडर, और हथियार बरामद हुए। आरोपी फरदीन खान पठान और उसके भाइयों ने इसे एमपी से ऑपरेट किया।
✅ केस 2: फार्महाउस से मिली 40 करोड़ की खेप
16 दिसंबर 2024, एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने देवल्दा गांव में छापा मारकर 40 करोड़ की ड्रग्स बरामद की। आरोपी याकूब, जमशेद और साहिल थे, जिनके तार भोपाल में पकड़ी गई 1800 करोड़ की एमडी से जुड़े मिले।
✅ केस 3: जोधपुर तक फैला नेटवर्क
16 अक्टूबर 2024 को जोधपुर पुलिस ने एमडी ड्रग पैडलर्स को गिरफ्तार किया, जिन्होंने स्वीकारा कि अब वे प्रतापगढ़ से माल मंगवाते हैं, क्योंकि पश्चिम राजस्थान में सख्ती बढ़ चुकी है।
🔁 बदला तस्करी का रूट – अब भोपाल बना मुख्य हब
पहले ड्रग्स गुजरात के रास्ते सप्लाई होती थी, अब तस्करों ने नया रास्ता चुना है — भोपाल। प्रतापगढ़ से माल भोपाल भेजा जाता है और वहां से पूरे देश में।
🔥 अफीम से एमडी की ओर शिफ्ट
प्रतापगढ़ पहले से ही अफीम तस्करी का गढ़ था, लेकिन अब एमडी ड्रग ज्यादा फायदे का सौदा बन गया है। पुराना तस्करी नेटवर्क अब इस नई नशे की लत के लिए काम में लिया जा रहा है।
⛔ NCB की ताबड़तोड़ कार्रवाई और तस्करों की चालबाज़ी
🚨 28 अप्रैल 2024:
भीनमाल (जालोर-सिरोही) से 15 किलो एमडी और 100 लीटर लिक्विड एमडी जब्त।
🚨 12 मई 2024:
मुंबई पुलिस ने जोधपुर में छापा मारा, 280 करोड़ की ड्रग्स और केमिकल्स बरामद।
🚨 29 मई 2024:
विवेक विहार पुलिस ने बॉर्डर एरिया में लैबोरेट्री पकड़ी, जिससे 10 फैक्ट्रियां चलाई जा सकती थीं।
🧠 जानिए क्यों प्रतापगढ़ बना ड्रग माफियाओं का अड्डा?
- एमपी बॉर्डर से सटा इलाका – आसान पहुंच।
- घने जंगल – छुपने में सहूलियत।
- अफीम तस्करों का पहले से मौजूद नेटवर्क।
- पुलिस रेड से बचने के लिए स्थान और रूट दोनों बदले।
📌 निष्कर्ष
एमडी ड्रग का नेटवर्क अब पहले से कहीं ज़्यादा मजबूत और खतरनाक हो गया है। प्रतापगढ़ जैसे शांत दिखने वाले इलाके अब इस घातक तस्करी का केंद्र बनते जा रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम को समझने से यह साफ हो जाता है कि हमें नशा मुक्त समाज की दिशा में और कड़े कदम उठाने की जरूरत है।
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