चित्तौड़गढ़

चित्तौड़गढ़ जिला अस्पताल की जर्जर बिल्डिंग बनी खतरे का कारण, 5 साल से मरम्मत की मांग पर नहीं हो रहा कोई एक्शन

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चित्तौड़गढ़ के जिला अस्पताल परिसर में स्थित आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी विभाग की बिल्डिंग अब खतरनाक स्थिति में पहुंच चुकी है।
पिछले कई वर्षों से दीवारों में दरारें, छतों से झड़ता प्लास्टर और कमजोर ढांचा यहां कार्यरत स्टाफ और मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

इसके बावजूद बीते 5 वर्षों में विभाग द्वारा कई बार मरम्मत की लिखित मांग करने के बाद भी अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।


📌 20 साल पुरानी बिल्डिंग, 6 साल से लगातार बिगड़ रही स्थिति

यह बिल्डिंग केंद्र सरकार की एक छत्र योजना के तहत करीब 20 साल पहले बनाई गई थी।
मकसद था कि एक ही परिसर में एलोपैथी के साथ आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाए।

  • मरीजों को अलग-अलग अस्पतालों में भटकने की बजाय एक ही परिसर में इलाज मिल सके।
  • लेकिन बीते 6-7 वर्षों से यह बिल्डिंग जर्जर होती जा रही है

दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें, सीलन, और छत की हालत देखकर खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है।


🧾 बार-बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ. सौरभ हाड़ा, जो 2019 से यहां कार्यरत हैं, ने बताया:

“मैंने कई बार विभाग और जिला हॉस्पिटल के पीएमओ को बिल्डिंग की हालत के बारे में लिखित में जानकारी दी है। लेकिन हर बार यही जवाब मिला कि रिनोवेशन का बजट विभाग के पास नहीं आता।”

  • बिल्डिंग की पजेशन भले ही आयुर्वेद विभाग के पास है, लेकिन मरम्मत की जिम्मेदारी जिला अस्पताल प्रशासन की है।
  • यहां तक कि दो बार लिखित में पीएमओ को भी जानकारी दी गई, लेकिन अब तक कोई जवाब या एक्शन नहीं मिला।

🧑‍⚕️ डॉक्टर, स्टाफ और मरीज सभी खतरे में

इस जर्जर बिल्डिंग में फिलहाल निम्न स्टाफ कार्यरत है:

  • आयुर्वेद विभाग: 2 डॉक्टर, 1 नर्स, 1 कंपाउंडर, 1 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी
  • यूनानी विभाग: 1 डॉक्टर
  • होम्योपैथिक विभाग: 1 डॉक्टर, 1 नर्स, 1 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी

यहां हर दिन कई मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन बिल्डिंग की हालत देखकर डर का माहौल बना रहता है

“हर रोज डर बना रहता है कि कहीं दीवार गिर न जाए। हमने अपनी तरफ से हर प्रयास किया लेकिन अब सब अधर में लटका हुआ है।” – डॉ. हाड़ा


🚧 जर्जर बिल्डिंग बन सकती है बड़ा हादसा

  • बारिश के दिनों में स्थिति और ज्यादा खराब हो जाती है।
  • दीवारों में नमी और दरारें हादसे को निमंत्रण दे रही हैं।
  • विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही रिनोवेशन नहीं हुआ, तो यह बिल्डिंग किसी दिन बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है

📢 प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कि वे जल्द ही इस ओर संज्ञान लें और जिला अस्पताल परिसर की इस बिल्डिंग का रिनोवेशन करवाएं, ताकि मरीजों और स्टाफ की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।


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