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रतलाम: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के मोस्ट वांटेड आतंकी फिरोज को गुरुवार को रतलाम कोर्ट ने जेल भेज दिया। जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट की साजिश में शामिल इस आतंकी को गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस के साथ धक्का-मुक्की करने के मामले में कोर्ट ने उसे जेल भेजने का आदेश दिया। एनआईए की टीम फिरोज का ट्रांजिट रिमांड हासिल कर उसे जयपुर ले जाने की तैयारी कर रही है।
5 लाख का इनामी आतंकी फिरोज
पिछले एक महीने से फिरोज (48) रतलाम में छिपा हुआ था। उसे बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष मंसूर जमादार के भाई मसरूफ के घर पनाह मिली थी। गौरतलब है कि मंसूर, फिरोज का साला है।
🔹 गिरफ्तारी की मुख्य बातें:
- फिरोज आनंद कॉलोनी में रह रहा था, जो शहर के प्रशासनिक अधिकारियों के बंगले के नजदीक है।
- पुलिस से बचने के लिए वह बुर्का पहनकर बाहर निकलता था।
- फिरोज के ठिकाने के पास ही डीआईजी, कलेक्टर और एसपी के आवास स्थित हैं।
- मकान में कुल 17-18 कमरे हैं, जिनमें से एक में फिरोज छिपा हुआ था।
कैसे पकड़ा गया आतंकी?
सूचना मिलने पर पुलिस ने आनंद कॉलोनी में छापा मारा। गिरफ्तारी के दौरान फिरोज ने भागने की कोशिश की और पुलिस के साथ धक्का-मुक्की भी की, जिसके चलते उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया। एनआईए की टीम रतलाम पहुंच चुकी है और जल्द ही उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर जयपुर रवाना होगी।
🔹 मकान और परिवार की जानकारी:
- फिरोज की बहन रेहाना के घर में वह रह रहा था।
- इस मकान में तीन भाइयों के परिवार के 19 लोग रहते हैं।
- मंसूर जमादार ने दावा किया कि उन्हें फिरोज की मौजूदगी की जानकारी नहीं थी।
फिरोज के परिवार की आर्थिक स्थिति
आतंकी फिरोज का खुद का भी आनंद कॉलोनी में मकान है, जहां उसके माता-पिता, पत्नी और चार बच्चे रहते हैं।
- सबसे बड़ी बेटी: 19 साल
- बेटा: 17 साल
- दूसरी बेटी: 15 साल
- छोटा बेटा: 13 साल
इसके अलावा, फिरोज के पिता फकीर मोहम्मद खान सब्जी का कारोबार करते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2022 में उन्होंने 17 करोड़ रुपये में एक जमीन बेची थी।
एनआईए की अगली कार्रवाई
एनआईए अब फिरोज को ट्रांजिट रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। उसे जयपुर ले जाकर विस्तृत पूछताछ की जाएगी ताकि जयपुर सीरियल ब्लास्ट केस में और भी सुराग मिल सकें।
🔹 जयपुर ब्लास्ट से जुड़ा मामला:
- 2008 में जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट में फिरोज की संलिप्तता पाई गई थी।
- एनआईए ने उसे वांछित घोषित किया था और उसके ऊपर 5 लाख रुपये का इनाम रखा गया था।
निष्कर्ष
फिरोज की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है और यह एनआईए के आतंकवाद विरोधी अभियानों के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल जयपुर ब्लास्ट की जांच में तेजी आएगी, बल्कि अन्य संदिग्धों को पकड़ने का भी रास्ता साफ होगा।
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