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रतलाम के पिपलौदा में करंट लगने से लाइनमैन की मौत: हादसे के कारणों की जांच जारी

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Category: सड़क हादसा | बिजली विभाग समाचार | कार्यस्थल दुर्घटना
Author: Team MeWarMalwa
Date: April 12, 2025


📍 रतलाम में लाइनमैन की मौत: करंट लगने से मची अफरातफरी

रतलाम, पिपलौदा क्षेत्र के एक खेत में शुक्रवार को एक दुखद बिजली दुर्घटना घटी, जिसमें लाइनमैन शांतिलाल (40) की करंट लगने से मौत हो गई। यह घटना उस समय हुई जब शांतिलाल, जो एक आउटसोर्स कर्मचारी था, 11 केवी बिजली लाइन का फाल्ट ठीक करने के लिए बिना सुरक्षा साधनों के खंबे पर चढ़ा था।


⚡ हादसे का विवरण: बिना सुरक्षा उपकरण के खंबे पर चढ़ा लाइनमैन

घटना के अनुसार, शांतिलाल पोरवाल (40), जो कमलाखेड़ा निवासी थे, पिपलौदा क्षेत्र के गोपाल धनगर के खेत में 11 केवी लाइन के पोल पर चढ़े थे। उनका काम फाल्ट ठीक करना था। फाल्ट को ठीक करने के बाद जैसे ही वह नीचे उतरने लगे, अचानक उन्हें करंट लग गया और वह तारों से चिपक गए, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।


🏥 बचाव प्रयास और मृतक के शव का पोस्टमॉर्टम

घटना के बाद आसपास के लोग हड़बड़ाए और जल्दी से विद्युत सप्लाई बंद करने की कोशिश की। इसके बाद, ग्रामीणों और बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने मिलकर शांतिलाल को नीचे उतारा, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी

पिपलौदा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पंचनामा बनाकर पिपलौदा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद, शव को उसके परिजनों के हवाले कर दिया गया।


🕵️‍♂️ जांच की प्रक्रिया: बिजली सप्लाई चालू थी या बंद?

हादसे के कारणों को लेकर अब भी कई सवाल उठ रहे हैं। क्या लाइनमैन ने बिजली सप्लाई बंद करके खंबे पर चढ़ा था? यह सवाल अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। कुछ जानकारों का कहना है कि खंबे पर चढ़ने से पहले बिजली सप्लाई बंद करना जरूरी था, लेकिन हादसे के समय बिजली सप्लाई अचानक चालू होने से यह दुर्घटना घटी होगी।

पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है, और मर्ग कायम कर लिया है। इसके अलावा, बिजली कंपनी के अधिकारी भी जांच प्रक्रिया में शामिल हैं।


👷‍♂️ शांतिलाल का अनुभव और अकेले फाल्ट ठीक करने की वजह

यह भी जानकारी सामने आई है कि शांतिलाल पोरवाल एक अनुभवी लाइनमैन थे, जो अक्सर इस प्रकार के काम अकेले ही करते थे। उन्होंने पहले भी कई बार बिजली खंबों पर चढ़कर फाल्ट ठीक किया था। इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि कर्मचारियों की सुरक्षा और सुरक्षा उपकरणों की कमी से ऐसे हादसे हो सकते हैं।


🏢 बिजली कंपनी अधिकारी से जानकारी की कोशिश, नंबर बंद

घटना के बाद, पिपलौदा क्षेत्र के बिजली कंपनी प्रभारी अधिकारी, राहुल कुमार से संपर्क किया गया, लेकिन उनका फोन बंद आ रहा था। जावरा बिजली कंपनी के ईई एमएस दीक्षित ने इस बात की पुष्टि की कि शांतिलाल अकेले गए थे, और वह हादसे के कारणों की जांच करेंगे।


⚖️ पुलिस और जांच अधिकारी का बयान

पिपलौदा थाना के एसआई, सीताराम तेनीवार ने कहा कि, “बिजली सप्लाई चालू थी या बंद इस बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई है। हम मामले की जांच कर रहे हैं और मर्ग कायम किया गया है।”


🚨 कार्यस्थल सुरक्षा की अहमियत: ऐसे हादसों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

यह हादसा एक बार फिर कार्यस्थल सुरक्षा पर महत्वपूर्ण सवाल उठाता है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो बिजली से जुड़े खतरनाक काम करते हैं। क्या सुरक्षा उपकरण का उचित उपयोग किया गया था? क्या बिजली सप्लाई बंद की गई थी?

🛑 कार्यस्थल सुरक्षा के उपाय:

  1. सुरक्षा उपकरणों का उपयोग: कर्मचारियों को उचित सुरक्षा उपकरण प्रदान किए जाने चाहिए।
  2. बिजली की सप्लाई बंद करना: खंबे पर चढ़ने से पहले बिजली सप्लाई को बंद करना सुनिश्चित किया जाए।
  3. दोस्तों और सहयोगियों के साथ काम: अकेले काम करने के बजाय, कर्मचारियों को सहयोगी के साथ काम करने का निर्देश दिया जाए।
  4. प्रशिक्षण और सावधानी: कर्मचारियों को सही प्रशिक्षण और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जाए।

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