उदयपुर

उदयपुर में मंदिर से 10 लाख की चोरी का पर्दाफाश: 4 चोर और 2 खरीददार गिरफ्तार, कई और चोरियों का खुलासा

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प्रतापनगर में मंदिर से चोरी: आरोपियों से 6 वारदातों का खुलासा

उदयपुर, राजस्थान – शहर के प्रतापनगर थाना क्षेत्र में स्थित एक घर के मंदिर से 10 लाख रुपए के सोने-चांदी के छत्र चोरी करने के मामले में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने 4 चोरों के साथ-साथ चोरी का सामान खरीदने वाले 2 भाइयों को भी पकड़ा है। इस खुलासे से इलाके में सनसनी फैल गई है, क्योंकि यह चोरी किसी आम घर से नहीं, बल्कि घर में बने माताजी के मंदिर से हुई थी।


गिरफ्तार आरोपियों की पहचान और खुलासे

थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह चारण के अनुसार, गिरफ्तार आरोपी हैं:

  • कालूनाथ कालबेलिया (खमनोर, राजसमंद)
  • किशन कालबेलिया (केलवाड़ा, राजसमंद)
  • लोकेश कालबेलिया (भुवाणा)
  • विनोद उर्फ बांका कालबेलिया (इंद्रा कॉलोनी, गोवर्धन विलास)

इन चारों ने मिलकर चोरी की वारदात को अंजाम दिया और फिर नाथद्वारा निवासी विनोद सोनी व उसके भाई ऋषभ सोनी को मात्र 3.20 लाख रुपए में यह कीमती छत्र बेच दिए। पुलिस ने दोनों खरीदार भाइयों को भी गिरफ्तार कर लिया है।


एक नहीं, छह चोरियां कबूलीं आरोपियों ने

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने पिछले दो महीनों में कुल 6 चोरियों को अंजाम देना स्वीकार किया है। इनमें शामिल हैं:

  • सुखेर से एक मकान से 7 ग्राम चांदी व सोने की बालियां
  • चित्रकूट नगर से 400 ग्राम चांदी और नकदी
  • काली मगरी से नकदी
  • मीरा नगर से आधा किलो चांदी
  • बेदला से सूने मकान से नकदी

इन वारदातों से स्पष्ट है कि ये गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और सूने घरों को निशाना बना रहा था।


कैसे हुआ चोरी का खुलासा: घटना की पूरी कहानी

राजेन्द्र कुमार, निवासी सर्जन कॉम्पलेक्स, शोभागपुरा रोड, बोहरा गणेशजी, ने 4 मई को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि 3 मई की रात को वह शोभागपुरा स्थित अपने मकान गए थे, जहां ज्वाला माताजी का मंदिर बना हुआ है। अगले दिन दोपहर 2:30 बजे जब वे लौटे, तो देखा कि मकान का ताला टूटा हुआ था और मंदिर में रखा सामान बिखरा हुआ था।

मंदिर से तीन सोने के छत्र गायब थे। रिपोर्ट मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई और जल्द ही सीसीटीवी फुटेज, लोकल नेटवर्क और मुखबिरों की मदद से आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।


घर में बना माताजी का मंदिर भी नहीं रहा सुरक्षित

चोरी की इस वारदात ने लोगों की भावनाओं को झकझोर कर रख दिया है। घरों में बने निजी धार्मिक स्थल और मंदिर, जिन्हें अब तक सबसे सुरक्षित और पवित्र स्थान माना जाता रहा है, वे भी अब चोरों के निशाने पर हैं। इससे समाज में भय का माहौल है।


पुलिस की सख्त कार्रवाई और आगे की जांच

आरोपियों के खिलाफ पहले से खमनोर, गोवर्धन विलास और सुखेर थानों में चोरी और नकबजनी के कई मामले दर्ज हैं। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि इस गिरोह ने और किन-किन जगहों पर वारदात की है और चोरी का सामान कहां-कहां बेचा गया है।


सावधानी ही सुरक्षा: जागरूक रहें

इस घटना के बाद पुलिस और प्रशासन दोनों ने लोगों से अपील की है कि वे अपने घरों की सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें, सीसीटीवी कैमरे लगवाएं और घर के आसपास संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साथ ही, चोरी का सामान खरीदने वाले लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जा रही है, जिससे अवैध खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई जा सके।


निष्कर्ष

उदयपुर में मंदिर से चोरी की इस घटना ने ना सिर्फ धार्मिक आस्था को झटका दिया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अब चोरों के निशाने पर हर तरह की संपत्ति है – चाहे वह मंदिर हो या घर। पुलिस की सक्रियता से यह गिरोह भले ही पकड़ा गया हो, लेकिन इस प्रकार की घटनाएं हमें हमेशा सजग रहने की चेतावनी देती हैं।

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