नीमच

गुंजली नदी में मगरमच्छ का हमला: मजदूर रमेश बाल-बाल बचा, अस्पताल में भर्ती

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👉 स्थान: रतनगढ़, जिला नीमच (मध्यप्रदेश)
👉 प्रभावित व्यक्ति: रमेश, निवासी बजाना गांव, सैलाना तहसील
👉 स्थिति: पैर में गंभीर चोट, नीमच जिला अस्पताल में इलाज जारी


🚨 नदी में नहाना पड़ा भारी: मगरमच्छ के हमले से दहशत

नीमच जिले के रतनगढ़ क्षेत्र में शुक्रवार शाम को उस समय सनसनी फैल गई जब गुंजली नदी में नहाने गए मजदूर रमेश पर एक मगरमच्छ ने हमला कर दिया। रमेश रतलाम से मजदूरी करने के लिए नीमच आया था और बोरदिया रोड क्षेत्र में अपने साथियों के साथ रह रहा था।

शाम को काम से लौटने के बाद रमेश नदी में स्नान करने गया, लेकिन जैसे ही उसने पानी में कदम रखा, मगरमच्छ ने उसके पैर को अपने जबड़ों में जकड़ लिया।


🧱 साथी मजदूरों की बहादुरी से बची जान

रमेश की चीख सुनकर उसके साथी दौड़े और उन्होंने पत्थरों से मगरमच्छ पर हमला किया, जिससे वह रमेश को छोड़कर गहरे पानी में चला गया। रमेश की किस्मत अच्छी थी कि समय पर मदद मिल गई।

👉 घायल रमेश को पहले रतनगढ़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया और फिर नीमच जिला अस्पताल रेफर किया गया।
👉 डॉक्टरों के अनुसार, समय पर इलाज मिलने से उसकी जान बच गई, लेकिन उसके पैर में गहरा घाव है और लंबे इलाज की आवश्यकता होगी।


⚠️ प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

स्थानीय लोगों ने बताया कि गुंजली नदी में पहले भी मगरमच्छ देखे गए हैं, लेकिन प्रशासन ने न तो चेतावनी जारी की और न ही कोई सुरक्षा के उपाय किए। अब लोग इस नदी के हिस्से को प्रतिबंधित करने और मगरमच्छ को पकड़ने की मांग कर रहे हैं।


📢 क्या है जरूरी कदम?

  1. गुंजली नदी क्षेत्र में चेतावनी बोर्ड लगाए जाएं।
  2. मगरमच्छ पकड़ने के लिए वन विभाग तत्काल कार्रवाई करे।
  3. स्थानीय निवासियों को नदी में नहाने से रोका जाए।
  4. प्रशासन नियमित निगरानी और बचाव दल तैनात करे।

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📌 निष्कर्ष:

गुंजली नदी में हुए इस हमले ने नीमच क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो आगे और हादसे हो सकते हैं। रमेश की बहादुरी और उसके साथियों की तत्परता ने उसकी जान बचाई, लेकिन यह घटना सभी के लिए एक चेतावनी है।


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