नीमच, 9 अगस्त – रक्षाबंधन के पर्व पर नीमच की एक खास परंपरा है जो इस शहर को बाकी जगहों से अलग बनाती है। यहां के लोग राखी के अवसर पर ‘इन्द्रसे’ नामक विशेष मिठाई बनाते और खाते हैं। मान्यता है कि इस मिठाई का भोग लगाने से वर्षा के देवता इंद्र प्रसन्न होते हैं और अच्छी बारिश होती है।
🍬 सिर्फ नीमच में बनती है ‘इन्द्रसे’
- यह मिठाई केवल बारिश के मौसम में उपलब्ध होती है, इसलिए इसे बरसाती मिठाई या मौसमी मिठाई भी कहा जाता है।
- कुरकुरी बनावट वाली यह मिठाई चावल, शकर, देशी घी और मैदा से तैयार होती है।
- स्वाद में लाजवाब होने के साथ-साथ इसका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है।
🕰️ 80 साल पुरानी परंपरा
- लगभग 80 साल पहले नीमच में इस मिठाई की शुरुआत हुई थी।
- आज भी शहर में कुछ चुनिंदा दुकानों पर ही यह मिठाई मिलती है।
- राखी और सावन में इसकी मांग चरम पर होती है।

🌍 नीमच की पहचान
राजस्थान से घिरे मध्य प्रदेश का नीमच न सिर्फ अपने खानपान और मसालों के लिए, बल्कि सीआरपीएफ की जन्मभूमि के रूप में भी प्रसिद्ध है। लेकिन ‘इन्द्रसे’ मिठाई ने इसे एक अनोखी सांस्कृतिक पहचान दी है।
📷 सुझाव
अगर आप नीमच में हैं, तो इस राखी इन्द्रसे का स्वाद ज़रूर चखें और इस अनोखी परंपरा का हिस्सा बनें।

#Neemuch
#Indrase
#RakhiSpecial
#MonsoonSweet
#MadhyaPradeshFood
#IndianDesserts
#TraditionalSweets