🔷 रतलाम में दो दिवसीय अधिवेशन की शुरुआत
मध्यप्रदेश के रतलाम ज़िले में अखिल भारतीय वनवासी ग्रामीण मजदूर महासंघ का राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हुआ, जिसमें पहले दिन ही कई अहम घटनाएं देखने को मिलीं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी ने आयोजन को गरिमा प्रदान की, लेकिन साथ ही एक राजनीतिक विवाद भी सामने आया, जब रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामोर मंच पर जगह नहीं मिलने से नाराज हो गए।
😠 मंच पर न बैठाए जाने से नाराज हुए विधायक
कार्यक्रम की शुरुआत में जब मंच पर नेताओं और पदाधिकारियों को स्थान दिया जा रहा था, तब रतलाम ग्रामीण विधायक मथुरालाल डामोर को मंच पर आमंत्रित नहीं किया गया। इस बात से नाराज होकर वे कार्यक्रम छोड़ने लगे। उनके साथ उनके सुरक्षा अधिकारी भी थे। इस दौरान भाजपा नेता विनोद कर्मचंदानी और सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया ने उन्हें रोकने और मनाने की कोशिश की।
“मैं बिरसा मुंडा और टंट्या भील का वंशज हूं, रतलाम ग्रामीण का विधायक हूं। मुझे ही मंच पर नहीं बैठाया गया जबकि महापौर मंच पर बैठे हैं। मुझे ऐसी जगह बैठाया जहां हवा भी नहीं आ रही।” — मथुरालाल डामोर
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🛑 आयोजकों ने मानी चूक
कार्यक्रम के आयोजक जयंतीलाल, जो कि वनवासी ग्रामीण मजदूर संघ के प्रभारी हैं, ने स्वीकार किया कि इस मामले में चूक हुई है। उन्होंने कहा:
“विधायक हमारे अपने हैं। हम क्षमा मांगकर उन्हें मना लेंगे। हमारा कोई अपमान का उद्देश्य नहीं था।”
📸 मंच पर बिरसा मुंडा और टंट्या भील की तस्वीरें
मंच पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का स्वागत किया गया और उनके पीछे आदिवासी महापुरुषों बिरसा मुंडा और टंट्या भील की बड़ी तस्वीरें लगी थीं, जो वनवासी समाज की संस्कृति और इतिहास का प्रतीक हैं।
🏥 धार और झाबुआ में नए मेडिकल कॉलेज की घोषणा
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने धार और झाबुआ में नए मेडिकल कॉलेज खोलने का ऐलान किया। उन्होंने कहा:
“दो साल से कम समय में आदिवासी क्षेत्रों में मेडिकल कॉलेज स्थापित होंगे।”
इस पहल से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि स्थानीय युवाओं को शिक्षा और रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
💼 रोजगारपरक उद्योगों को मिलेगा 70% सब्सिडी
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार अब मशीन-आधारित उद्योगों की बजाय रोजगार सृजन करने वाले उद्योगों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा:
- नए उद्योगों को 70% सब्सिडी दी जाएगी
- ब्याज और बिजली में भी छूट मिलेगी
- श्रमिकों के लिए पक्के आवास बनाए जाएंगे
- बंद पड़े उद्योगों का बकाया भुगतान किया जाएगा
🎯 खास तौर पर रतलाम की सज्जन मिल के श्रमिकों को बकाया राशि दिलाने के लिए भी सरकार काम कर रही है।

😢 मुख्यमंत्री से मिलने भावुक हुई महिला
कार्यक्रम में एक भावुक क्षण तब आया जब ताल क्षेत्र के भेंसोला गांव से आई बुजुर्ग महिला मधुबाला मुख्यमंत्री से मिलने रो पड़ीं। उन्होंने बताया कि:
“प्रधानमंत्री आवास योजना में मेरा नाम तो है लेकिन सचिव मकान स्वीकृत नहीं कर रहा। मैंने लोन लेकर छत भर दी है, पर अभी भी मदद नहीं मिली।”
✅ प्रशासन ने की तत्परता से कार्रवाई
इस मामले में तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए जिला पंचायत सीईओ श्रृंगार श्रीवास्तव ने महिला से अलग से मिलकर बात की और पूरी जानकारी ली।
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🏁 निष्कर्ष
रतलाम में हुआ यह अधिवेशन न केवल राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से अहम रहा, बल्कि आदिवासी समुदायों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। मंच विवाद भले ही चर्चा में रहा, लेकिन मेडिकल कॉलेज, रोजगारपरक उद्योग और आवास योजनाओं के जरिए प्रदेश सरकार ने विकास के नए वादे किए हैं।
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