प्रतापगढ़ जिले में राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) की बसों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। एक हालिया रिपोर्ट में सामने आया कि अधिकांश बसों में न तो फर्स्ट एड बॉक्स मौजूद हैं और न ही आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए कोई ठोस प्रबंधन। यात्रियों की ज़िंदगी को लेकर प्रशासन की इस अनदेखी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
🚑 फर्स्ट एड बॉक्स गायब या खाली, प्राथमिक उपचार नामुमकिन
भास्कर द्वारा की गई जमीनी जांच में ये चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि RSRTC की अधिकतर बसों में फर्स्ट एड किट या तो पूरी तरह गायब है या उसमें जरूरी सामग्री नहीं है। न पट्टियां, न डेटॉल, न मरहम—किसी भी दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों को प्राथमिक चिकित्सा तक नहीं मिल पाएगी।
📕 सुझाव पुस्तिका और पैनिक बटन: दोनों नदारद या निष्क्रिय
यात्रियों के फीडबैक के लिए जरूरी सुझाव पुस्तिका किसी भी बस में उपलब्ध नहीं पाई गई। वहीं, आपात स्थिति के लिए लगाए गए पैनिक बटन भी ज्यादातर बसों में निष्क्रिय हैं या पूरी तरह खराब पड़े हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि बस चालक और परिचालकों को इन पैनिक बटनों की सही कार्यप्रणाली तक की जानकारी नहीं है।
📞 हेल्पलाइन नंबर भी रहस्यमयी!
हालांकि बसों में अधिकारियों के संपर्क नंबर तो दिए गए हैं, लेकिन उनके साथ लिखे गए कोड जैसे CR, TM, MO आम यात्रियों की समझ से परे हैं। प्रशासनिक संपर्क की जानकारी देने के बजाय ये कोड आम लोगों को और उलझा रहे हैं।
🧑💼 डिपो मैनेजर का बयान: जल्द होगा सुधार
डिपो मैनेजर गजेंद्र पारश्वर ने इन सभी खामियों को स्वीकार करते हुए कहा कि:
“यात्रियों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। हम पैनिक बटन, फर्स्ट एड बॉक्स और अन्य जरूरी संसाधनों की तुरंत जांच करवा रहे हैं। संबंधित तकनीकी टीम को निर्देश दे दिए गए हैं।”
हालांकि, कब तक सुधार होंगे, इसकी कोई स्पष्ट समयसीमा नहीं बताई गई।
🤔 क्या कहते हैं यात्री?
बड़ी संख्या में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों ने कहा कि:
- “हमें बसों में सफर करते समय कभी सुरक्षित महसूस नहीं होता।”
- “पैनिक बटन केवल दिखावे के लिए हैं, असल में वे काम नहीं करते।”
- “अगर कोई हादसा हो जाए तो ना ड्राइवर मदद कर पाएगा, ना बस में कुछ मिलेगा।”
🔁 यह कोई पहली बार नहीं है
प्रतापगढ़ डिपो से पहले भी राजस्थान के अन्य जिलों से RSRTC की लापरवाही की खबरें सामने आती रही हैं। चाहे जयपुर हो, कोटा या अजमेर—हर जगह यात्रियों की सुरक्षा को नजरअंदाज किया जा रहा है।
✅ सुधार के लिए सुझाव
- सभी बसों में फर्स्ट एड बॉक्स अनिवार्य किया जाए और उसकी मासिक जांच हो।
- सुझाव पुस्तिका को हर बस में स्थायी रूप से रखा जाए।
- पैनिक बटन की नियमित जांच और ड्राइवर/कंडक्टर को इसकी ट्रेनिंग दी जाए।
- संपर्क नंबरों के साथ कोड का सामान्य भाषा में अर्थ भी बताया जाए।
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