भीलवाड़ा की बेटी अश्विनी बिश्नोई ने पूरे भारत का नाम रोशन किया है। उन्होंने अंडर-17 वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप के फाइनल में उज्बेकिस्तान की मुखायो राखीमजोनोवा को 3-0 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया।
इसके साथ ही अश्विनी, वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली प्रदेश की पहली महिला पहलवान बन गई हैं।
2 साल में 5 गोल्ड मेडल का शानदार सफर
पिछले दो वर्षों में अश्विनी ने इंटरनेशनल लेवल पर 5 गोल्ड मेडल जीते हैं।
इस बार उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप के 65 किलो वर्ग में हिस्सा लिया और पूरे टूर्नामेंट में किसी भी प्रतिद्वंदी को एक भी अंक नहीं लेने दिया।
फाइनल सहित सभी मुकाबले एकतरफा जीते
शिव व्यायाम शाला के कोच कल्याण बिश्नोई ने बताया कि अश्विनी ने फाइनल सहित कुल पांच मुकाबले खेले और सभी को 0 पर समेट दिया।
- पहला मुकाबला: अल्जीरिया की पहलवान को 10-0 से हराया (टेक्निकल आधार)।
- दूसरा मुकाबला: हंगरी की पहलवान को 13-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश।
- क्वार्टर फाइनल: मंगोलिया की पहलवान को 10-0 से मात।
- सेमीफाइनल: रूस की पहलवान को 7-0 से हराया।
- फाइनल: उज्बेकिस्तान की मुखायो को 3-0 से हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम।
मजदूर पिता और हाउसवाइफ मां की बेटी
अश्विनी के पिता मुकेश बिश्नोई एक फैक्ट्री में मजदूरी करते हैं, जबकि उनकी मां गृहिणी हैं।
अश्विनी ने 2018 में कुश्ती का सफर शुरू किया था और कड़ी मेहनत व लगन से आज यह मुकाम हासिल किया।
परिवार का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा था कि अश्विनी गोल्ड जीतेगी।
भीलवाड़ा में होगा भव्य स्वागत
अश्विनी के भीलवाड़ा पहुंचने पर शहर भर के पहलवानों द्वारा भव्य स्वागत किया जाएगा।
यह जीत न केवल भीलवाड़ा बल्कि पूरे राजस्थान के लिए गर्व का क्षण है।
अश्विनी की सफलता नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है।
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