नालछा माता दर्शन के दौरान हुई गिरफ्तारी
मंदसौर में एक नाटकीय घटनाक्रम में राजस्थान के नारकोटिक्स विभाग की टीम ने प्रतिष्ठित चिकित्सक डॉ. डी.डी. संगतानी को हिरासत में लिया। जानकारी के अनुसार, डॉक्टर अपने परिवार के साथ नालछा माता मंदिर के दर्शन के लिए गए थे, जहां से उन्हें अचानक हिरासत में ले लिया गया।
सिंथेटिक ड्रग एमडी मामले में कार्रवाई
गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही सिंधी समाज और राजनीतिक प्रतिनिधि सक्रिय हो गए। समाज के वरिष्ठ लोग पहले कंट्रोल रूम और फिर राजस्थान के हतुनिया थाना पहुंचे। बीजेपी नेता गौरव अग्रवाल और पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने भी इस मामले में विशेष रुचि दिखाई और तुरंत कार्रवाई में जुट गए।
पूर्व विधायक का बयान: पहले भी झूठे मामलों में फंसाने के आरोप
पूर्व विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने बताया कि सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) की टीम ने डॉ. संगतानी को एमडी ड्रग्स के साथ पकड़ा था। लेकिन उनकी कार में किसी ने मादक पदार्थ रखकर नार्कोटिक्स विभाग को सूचना दी थी। विधायक के अनुसार, यह पूरी साजिश डॉक्टर को फंसाने के लिए रची गई थी।
जांच और पूछताछ के बाद मिली रिहाई
सीबीएन के वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा के बाद कागजी कार्रवाई और गहन पूछताछ की गई। इस प्रक्रिया के बाद, यह स्पष्ट हुआ कि डॉक्टर को साजिश के तहत फंसाया गया था और उन्हें रिहा कर दिया गया।
पारिवारिक विवाद के चलते बनी साजिश?
सूत्रों के अनुसार, डॉ. संगतानी का अपने दामाद के साथ पारिवारिक विवाद लंबे समय से चल रहा है। इससे पहले भी उन्हें कई झूठे मामलों में फंसाने के प्रयास किए गए थे:
- एक महिला द्वारा छेड़छाड़ का झूठा केस दर्ज किया गया था।
- उनके पांडव मार्केट स्थित डायग्नोस्टिक सेंटर में आगजनी की घटना हुई थी।
- कार में आग लगाने की घटनाएं भी सामने आई थीं।
समाज में आक्रोश, निष्पक्ष जांच की मांग
सिंधी समाज के लोगों में इस घटना को लेकर आक्रोश है। समाज के प्रतिनिधियों ने निष्पक्ष जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके। बीजेपी नेता और समाज के वरिष्ठ सदस्य इस मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से भी चर्चा कर रहे हैं।

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