चित्तौड़गढ़

चित्तौड़गढ़ में अफीम तौल प्रक्रिया जोरों पर: अब तक 9,844 किसानों ने कराया तुलवा, 116214.29 किलो अफीम जमा

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चित्तौड़गढ़, राजस्थान — चित्तौड़गढ़ में नारकोटिक्स विभाग द्वारा इस वर्ष की अफीम तौल प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अब तक 433 गांवों के 9,844 किसानों की अफीम तुलाई जा चुकी है, जिससे कुल 116214.29 किलोग्राम अफीम विभाग के पास संग्रहित हो चुकी है। यह प्रक्रिया जिले के तीनों डिवीजन में की जा रही है, जहां किसानों द्वारा अफीम तुलवाई करवाई जा रही है।


तीनों खंडों में अफीम तौल का अलग-अलग शेड्यूल

  • पहले और तीसरे खंड की अफीम तौल 12 अप्रैल तक होगी।
  • दूसरे खंड की अंतिम तिथि 8 अप्रैल तय की गई है।

इस दौरान जिले के मुख्यालय और निंबाहेड़ा में तौल केंद्र बनाए गए हैं। पहले और दूसरे डिवीजन की अफीम का तौल जिला मुख्यालय पर किया जा रहा है, जबकि तीसरे खंड की तुलाई निंबाहेड़ा में हो रही है।


अब तक कितना हुआ तौल?

डिवीजनगांवों की संख्याकिसानों की संख्यातौली गई अफीम (किलो)
पहला183310360862.48
दूसरा128389832798.96
तीसरा122284322552.85

📌 ध्यान दें: तौल के दौरान कुछ मामलों में पानी की अत्यधिक मात्रा पाई गई, जिससे अफीम को “सस्पेक्टेड” की श्रेणी में रखा गया।


अफीम गोदाम फुल, CPS पद्धति का काम आगे बढ़ा

गम पद्धति की अफीम तौल प्रक्रिया के बाद CPS पद्धति से डोडा तौल की योजना थी, लेकिन नीमच गोदाम फुल हो जाने के कारण अब इस प्रक्रिया को 10 दिन के लिए आगे बढ़ा दिया गया है। तौल का अगला चरण अब 18 अप्रैल से शुरू होने की संभावना है।

समस्या क्या है?

  • नीमच के मोरवन में नया गोदाम बनना अभी पूरा नहीं हुआ है।
  • पहले से बुक टेंट, कूलर, ट्रक आदि के कारण अतिरिक्त खर्चा बढ़ रहा है।
  • विभाग को प्रति दिन ₹22,000 का संचालन खर्च और ₹13,000 प्रति ट्रक का परिवहन खर्च वहन करना पड़ रहा है।

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किसान भैरूलाल अहीर को मिला सम्मान

इस बार विभाग ने एक नवाचार करते हुए पिछले वर्ष सबसे अधिक मार्फिन एवरेज देने वाले किसान को सम्मानित किया है। रोजड़ा गांव के भैरूलाल अहीर ने 8.564 प्रतिशत प्रति हेक्टेयर मार्फिन एवरेज दिया, जो कि पूरे डिवीजन में सबसे ज्यादा है।

क्यों है मार्फिन एवरेज ज़रूरी?

  • मानक मार्फिन एवरेज 4.2% प्रति हेक्टेयर है।
  • अगर किसान इसे पूरा नहीं कर पाता, तो उसका लाइसेंस कट सकता है।
  • ऐसे में किसान को केवल CPS पद्धति से डोडा देने की अनुमति रह जाती है।

इस पहल का उद्देश्य अन्य किसानों को प्रेरित करना और उन्हें उत्पादन की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करना है।


निष्कर्ष

चित्तौड़गढ़ में अफीम तौल प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है, लेकिन नीमच गोदाम की असमर्थता के चलते कार्य को स्थगित करना पड़ा है। किसानों और अधिकारियों, दोनों के लिए यह चुनौतीपूर्ण स्थिति है। आने वाले दिनों में गोदाम के तैयार होते ही प्रक्रिया को पुनः गति दी जाएगी।


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