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🎲 ऑनलाइन गेमिंग की आड़ में चल रहा था सट्टे का कारोबार
राजस्थान के उदयपुर शहर में रेडी अन्ना ऐप के माध्यम से बड़े पैमाने पर ऑनलाइन सट्टेबाज़ी का नेटवर्क पकड़ा गया है। गोवर्धन विलास थाना पुलिस और ज़िला स्पेशल टीम ने मिलकर जीवनतारा कॉलोनी स्थित एक फ्लैट पर रेड डालते हुए इस सट्टे के धंधे का पर्दाफाश किया।
इस छापेमारी में 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड मोहित पाहुजा फरार हो गया है।
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📌 रेडी अन्ना ऐप कैसे करता था काम?
रेडी अन्ना एक फर्जी ऑनलाइन गेमिंग ऐप है जो कि लोगों को क्रिकेट, फुटबॉल, कबड्डी जैसे खेलों पर सट्टा लगाने की सुविधा देता है।
इस तरीके से होता था सट्टेबाज़ी का संचालन:
- ग्राहक को WhatsApp ग्रुप के ज़रिए आईडी दी जाती थी।
- ग्राहक QR कोड से पेमेंट कर गेमिंग प्लेटफॉर्म पर पैसे जमा करते थे।
- शुरुआत में ग्राहक कुछ गेम जीतते थे, जिससे भरोसा बनता था।
- बाद में लगातार हार कर पैसा गंवाते और आरोपी मोटी कमाई करते।
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🧠 मास्टरमाइंड मोहित पाहुजा की तलाश जारी
इस ऑनलाइन सट्टे के पूरे नेटवर्क का संचालन मोहित पाहुजा नाम का युवक कर रहा था। पुलिस की रेड की सूचना मिलते ही मोहित मौके से फरार हो गया।
पुलिस उसकी तलाश में जुटी है और आईटी एक्ट व भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्यवाही कर रही है।
🕵️♂️ गिरफ्तार आरोपी और जब्त सामग्री
पुलिस ने 6 युवकों को मौके से गिरफ्तार किया है। इनके पास से भारी मात्रा में डिजिटल और बैंकिंग सामग्री बरामद हुई है।
गिरफ्तार आरोपी:
- संजय सालवी – तीतरड़ी
- केशव लखारा – टंकीपुरा, नागौर
- सिद्धार्थ विश्वकर्मा – रामपुर, सतना (MP)
- रामचंद्र प्रजापत – पादूकला, नागौर
- तरुण बागड़ा – कुचामन सिटी, डीडवाना
- विकास प्रजापत – डेगाना, नागौर
बरामद सामान:
- 📱 30 मोबाइल फोन
- 💻 7 लैपटॉप, 5 कंप्यूटर सेट
- 📒 4 रजिस्टर, जिनमें लाखों का लेनदेन दर्ज
- 🏦 8 बैंकों की पासबुक, 12 एटीएम कार्ड
- 📶 10 सिम कार्ड
- ❄️ 8 अलग-अलग बैंकों के 19 खाते फ्रीज़
🔎 फर्जी सिम और बैंक खातों से जुड़ी गहरी साजिश
पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी फर्जी आईडी पर मोबाइल सिम ले रहे थे और दूसरों के नाम से बैंक खाते खुलवाकर सट्टेबाज़ी में प्रयोग कर रहे थे।
📢 यह दर्शाता है कि सायबर क्राइम और ऑनलाइन सट्टा अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहा है, बल्कि छोटे कस्बों और कॉलोनियों में भी इसका जाल फैल चुका है।
🛑 ऑनलाइन सट्टेबाज़ी: एक उभरता खतरा
रेडी अन्ना जैसे फर्जी ऐप्स युवाओं को लुभाकर उन्हें धीरे-धीरे जुए के दलदल में धकेलते हैं। कई लोग अपनी कमाई गंवाकर कर्ज़ में डूब जाते हैं।
👉 सरकार और समाज को मिलकर इस तरह के अपराधों के प्रति जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
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📢 निष्कर्ष: अपराध पर सख्त कार्रवाई जरूरी
उदयपुर पुलिस की यह कार्रवाई दिखाती है कि ऑनलाइन क्राइम के खिलाफ सख्त कदम उठाना कितना जरूरी है। आने वाले समय में ऐसे मामलों पर निगरानी और सख्ती और ज़रूरी होगी।
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