चित्तौड़गढ़: किडनैप कर 5 लाख की फिरौती मांगने वाली गैंग गिरफ्तार,
क्लिनिक संचालक को मारपीट कर छोड़ा सुनसान जगह परगंगरार पुलिस की त्वरित कार्रवाई, 5 बदमाश चंद घंटों में गिरफ्तार
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक गंभीर अपहरण और फिरौती मामले का खुलासा करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन बदमाशों ने एक क्लिनिक संचालक को अगवा कर उसकी पत्नी से ₹5 लाख की फिरौती मांगी थी। पुलिस की तेज कार्रवाई से न केवल पीड़ित को सुरक्षित छुड़ाया गया, बल्कि पूरे गिरोह को भी पकड़ने में सफलता मिली।
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🕵️♀️ कैसे हुआ मामले का खुलासा?
22 अप्रैल को चंदेरिया निवासी मीता मंडल ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उनके पति राकेश मंडल, जो बोरदा गांव में क्लिनिक चलाते हैं, 21 अप्रैल की रात से लापता हैं। रात करीब 1 बजे राकेश के मोबाइल से एक वॉइस कॉल आया जिसमें कहा गया कि उन्होंने एक मरीज को गलत इंजेक्शन दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई है, और अब उन्हें ₹5 लाख देने होंगे। फोन पर बार-बार धमकी दी जा रही थी कि राशि नहीं देने पर गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
🚓 पुलिस की त्वरित कार्रवाई और रेस्क्यू ऑपरेशन
पीड़िता मीता मंडल की शिकायत पर गंगरार थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की। थानाधिकारी डी. पी. दाधीच के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई जिसमें ASI शैतानसिंह, कॉन्स्टेबल रोहिताश्व, कुंजीलाल, राजेश, नंदलाल, और साइबर सेल के हेड कॉन्स्टेबल राजकुमार शामिल थे।
कड़ी मशक्कत और तकनीकी सहायता से कुछ ही घंटों में राकेश को सुनसान स्थान से सुरक्षित बरामद किया गया। मेडिकल जांच में उनके साथ मारपीट की पुष्टि हुई, उनके पैर में गंभीर चोटें पाई गईं।
🧠 कैसे रची गई थी साजिश?
गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:
- मुकेश गुर्जर (23) – बोरदा निवासी (मुख्य साजिशकर्ता)
- रोहित ओढ़ (20) – रिठोला निवासी
- भावेश बारेठ (20) – मीणों का कंथारिया निवासी
- अर्जुन गिरी भारती (25) – कचूमरा निवासी
- भैरूसिंह राजपूत – बनाकियां कलां निवासी
मुख्य आरोपी मुकेश गुर्जर अक्सर राकेश मंडल के क्लिनिक पर आता-जाता था और उसने उनकी आर्थिक स्थिति का जायजा ले लिया था। राकेश के पास अच्छा मकान और व्यवसाय देखकर उसे लगा कि पैसे ऐंठने का मौका है। इस लालच में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर यह किडनैपिंग की साजिश रची।
🛻 कैसे हुआ किडनैप?
- बिना नंबर प्लेट वाली स्कॉर्पियो गाड़ी से राकेश को रात में सुनसान जगह पर रोका गया।
- उनकी आंखों पर पट्टी बांधकर मारपीट की गई।
- फिरौती के लिए उनकी पत्नी को बार-बार कॉल किया गया।
- जब पत्नी ने पैसे नहीं दिए, तो राकेश का मोबाइल और बाइक छीनकर, उन्हें सुनसान स्थान पर छोड़ दिया गया।

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✍️ निष्कर्ष:
यह घटना साफ दर्शाती है कि आपराधिक मानसिकता वाले लोग किसी की भी आर्थिक स्थिति का गलत फायदा उठा सकते हैं। गनीमत रही कि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई कर क्लिनिक संचालक को सुरक्षित बचा लिया। पुलिस की सतर्कता और तत्परता के कारण बड़ी अनहोनी टल गई और अपराधियों को सजा की ओर बढ़ाया गया।
👮♀️ ऐसे मामलों में आमजन को भी चाहिए कि वे संदिग्ध गतिविधियों को नजरअंदाज न करें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।
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🖊️ रिपोर्ट: मेवाड़-मालवा न्यूज़ डेस्क