पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा फैसला लिया है। सिंधु जल समझौते को तीन चरणों में स्थगित करने की रणनीति तैयार की जा रही है।
🧭 3 चरणों में रणनीति तैयार – पाकिस्तान को खत्म मिलेगा फायदा
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने सिंधु जल संधि स्थगित करने का फैसला किया। 26 निर्दोष पर्यटकों की हत्या के बाद भारत सरकार का यह रुख बेहद निर्णायक माना जा रहा है।
23 अप्रैल को गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक हुई जिसमें विदेश मंत्री एस. जयशंकर और जल शक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल शामिल हुए। इस बैठक में तय किया गया कि अब पाकिस्तान को एक बूंद पानी भी नहीं दिया जाएगा।
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📄 भारत ने भेजा पत्र – संशोधन की मांग
भारत के जल शक्ति सचिव देवश्री मुखर्जी ने पाकिस्तान को भेजे पत्र में कहा कि:
- संधि की भावना शांति और सहयोग पर आधारित थी।
- पाकिस्तान ने बार-बार आतंकवाद और घुसपैठ के ज़रिए इसे तोड़ा है।
- जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा में समझौते की वजह से बाधा आ रही है।
- पाकिस्तान के पास भारत के आग्रहों का कोई उत्तर नहीं है।
- भारत अब अनुच्छेद XII(3) के तहत संधि के संशोधन की मांग कर रहा है।
🗣 उमर अब्दुल्ला का बयान – ‘हम पहले ही इसके खिलाफ थे’
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि,
“हम कभी सिंधु जल समझौते के पक्ष में नहीं थे। यह कश्मीर के लिए नुकसानदेह है।”
🇵🇰 पाकिस्तान की प्रतिक्रिया – ‘एक्ट ऑफ वॉर’
पाकिस्तान की नेशनल सिक्योरिटी कमेटी (NCS) ने भारत के इस कदम को “जंग की घोषणा” बताया है।
NCS की 24 अप्रैल की बैठक में सभी द्विपक्षीय समझौते, शिमला समझौता (1972) समेत, निलंबित करने का फैसला किया गया।
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🧨 ISI की छावनी में छिपे आतंकी
- हाफिज सईद ISI के सेफ हाउस में अबोटाबाद में छिपा हुआ है।
- मसूद अजहर बहावलपुर में ISI की निगरानी में है।
इन आतंकियों को अब भारतीय कार्रवाई का डर सताने लगा है।
📜 1960 का समझौता – अब इतिहास?
सिंधु जल समझौता 1960 में नेहरू और अयूब खान के बीच हुआ था।
इसमें भारत को रावी, ब्यास, सतलुज नदियों पर और पाकिस्तान को सिंधु, चिनाब, झेलम पर अधिकार मिला था।
भारत अब अपने हिस्से का 20% से ज्यादा पानी रोक सकता है।
🔥 भारत के 5 बड़े फैसले – पाकिस्तान को झटका
- सिंधु जल समझौते को स्थगित करना
- पाकिस्तान को भेजा गया नोटिस
- कूटनीतिक विरोध
- आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की योजना
- द्विपक्षीय सहयोग सीमित करना

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✊ निष्कर्ष – अब भारत चुप नहीं बैठेगा
आतंकवाद के खिलाफ भारत की नीति अब स्पष्ट है: जीरो टॉलरेंस।
सिंधु जल समझौते को स्थगित करना सिर्फ एक शुरुआत है। आने वाले दिनों में और भी बड़े फैसले देखने को मिल सकते हैं।

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