चित्तौड़गढ़

चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ डेयरी संघ में घोटाले की गूंज: चेयरमैन बद्रीलाल जाट के सनसनीखेज आरोप!

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चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ में एक बार फिर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का जिन्न बाहर निकल आया है। डेयरी चेयरमैन बद्रीलाल जाट (जगपुरा) ने सहकारिता मंत्री गौतम दक और डेयरी एमडी प्रमोद चारण पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दूध में मिलावट से लेकर, संविदा नियुक्तियों और अनियमित खर्चों तक कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। आइए जानते हैं इस पूरे प्रकरण की हर परत को विस्तार से।


🧊 दूध में मिलावट पर जुर्माना, लेकिन वसूली नहीं!

चेयरमैन के अनुसार, 16 अप्रैल को एक टैंकर में पानी मिलाया हुआ दूध पकड़ा गया। एमडी ने इस पर ₹11,74,274 का जुर्माना लगाया, लेकिन बिना वसूली के टैंकर को बाहर निकाल दिया गया। बाद में जब चेयरमैन ने विरोध किया, तो आंशिक वसूली कर ली गई लेकिन शेष ₹1,63,274 अभी भी बकाया है।

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🚛 बिना अनुमति 12 लाख का टेंपो!

चेयरमैन ने आरोप लगाया कि एमडी ने बिना बोर्ड की अनुमति के ₹12 लाख का टेंपो खरीदा, जो सहकारी नियमों का उल्लंघन है। यह कदम दर्शाता है कि डेयरी में नियमों की अनदेखी आम बात हो गई है।


🔁 डेयरी में बार-बार एमडी बदलना बन गया है संदेहास्पद

डेढ़ साल में 7 बार एमडी बदले गए, जो कि सामान्य नहीं है। चेयरमैन ने इसपर सवाल उठाया कि आखिर स्थायी एमडी क्यों नहीं टिक पाते? क्या यह किसी राजनीतिक हस्तक्षेप का परिणाम है?


💸 दूध की कीमतों में भेदभाव

चित्तौड़गढ़ में सरस गोल्ड दूध ₹62/L मिल रहा है, जबकि एमपी में वही दूध ₹56/L में बेचा जा रहा है। चेयरमैन ने इसे स्थानीय उपभोक्ताओं के साथ भेदभाव बताया और सरकार की नीति पर सवाल खड़े किए।


🛑 बैठकों पर ताले, कर्मचारियों पर दबाव

  • सितंबर 2023 के बाद कोई नियमित बैठक नहीं हुई।
  • चेयरमैन का दावा है कि एमडी सवाल-जवाब से बचती हैं और ऑफिस में गार्ड्स के साथ आती हैं।
  • कर्मचारियों को सस्पेंड करने की घटनाएं आम हो चुकी हैं।

⚠️ नियमों के विरुद्ध संविदा नियुक्ति

65 वर्षीय रिटायर्ड अधिकारी को संविदा पर नियुक्त किया गया, जबकि अधिकतम आयु सीमा 63 वर्ष है। यह सीधा-सीधा नियमों का उल्लंघन है।


🚜 किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ा

  • डेयरी में दूध की आवक 2.35 लाख लीटर से घटकर 1.21 लाख लीटर हो गई है।
  • कुट्टी मशीन योजना बंद कर दी गई, जिससे किसानों को अब बाजार से ₹40,000 में मशीन खरीदनी पड़ रही है।
  • गाय-भैंस खरीद पर मिलने वाला अनुदान भी खत्म कर दिया गया है।

🚚 ट्रांसपोर्टेशन में बिना टेंडर खर्च

40 दिनों में ₹38.74 लाख खर्च, और वो भी बिना किसी टेंडर के! चेयरमैन के मुताबिक इससे डेयरी को ₹10.50 लाख का नुकसान हुआ। इसके बाद पूरे मामले का ठीकरा मार्केटिंग इंचार्ज पर फोड़ कर उन्हें हटा दिया गया।


📝 विभागीय जांच नहीं तो होगी FIR

चेयरमैन ने कहा कि अगर विभागीय जांच नहीं होती है तो वे कानूनी कार्रवाई करेंगे और मामला दर्ज करवाएंगे। वे यह मानते हैं कि सरकार का संरक्षण एमडी को मिल रहा है, और इसी कारण भ्रष्टाचार को नजरअंदाज किया जा रहा है।


🏛️ राजनीतिक दबाव और पक्षपात के आरोप

चेयरमैन ने भाजपा सरकार पर सीधा निशाना साधा और कहा कि एमडी को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि बीजेपी के बेगूं विधायक सुरेश धाकड़ और चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह भी इस सिस्टम से नाराज़ हैं।


📢 निष्कर्ष: अब तो कार्रवाई जरूरी है!

चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ डेयरी संघ में सामने आए इन घोटालों और अनियमितताओं ने प्रशासन और सरकार की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर जल्द कोई कार्रवाई नहीं की गई तो यह मुद्दा सिर्फ डेयरी तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे प्रदेश की सहकारी व्यवस्था पर संकट ला सकता है।


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