उदयपुर, जून 2025 – मेवाड़ की धरती ने एक बार फिर अपने गौरवशाली अतीत और विचारशील वर्तमान का परिचय दिया। भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय, उदयपुर में आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ‘एकात्म मानव दर्शन’ हीरक जयंती समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की ।
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✨ पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की पुनर्पुष्टि
राज्यपाल बागड़े ने अपने संबोधन में कहा कि मेवाड़ की धरती शूरवीरों की भूमि है, जिसने देश और धर्म के लिए बलिदान देने में कभी संकोच नहीं किया। उन्होंने पंडित उपाध्याय के प्रेरणादायक जीवन प्रसंगों का उल्लेख करते हुए कहा:
- उपाध्याय हर परीक्षा में प्रथम आते थे।
- उन्होंने बच्चों के लिए चंद्रगुप्त मौर्य का इतिहास लिखा।
- वे हमेशा साधारण वेशभूषा में रेल से यात्रा करते थे।
- उनका जीवन दरिद्र नारायण की सेवा के लिए समर्पित था।
🙏 सम्मानित हुए पुरानी पीढ़ी के साक्षीजन
राज्यपाल ने मंच से उन लोगों को भी सम्मानित किया, जो 1964 में पंडित उपाध्याय के भाषण के साक्षी रहे थे:
- एडवोकेट खूबीलाल सिंघवी (बेदला निवासी)
- बंशीलाल गदिया (बोहरा गणेशजी निवासी)
- पन्नालाल शर्मा (बड़गांव निवासी)
बागड़े ने उनके साथ अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए आयोजन को भावनात्मक रंग भी दिया।
🗣️ सहकारिता मंत्री ने जोड़ा ‘एकात्म दर्शन’ को मोदी सरकार से
राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री गौतम दक ने कहा कि “एकात्म मानव दर्शन” आज भी उतना ही प्रासंगिक है। उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों से जोड़ा, विशेषकर ‘अंत्योदय’ के सिद्धांत से। उनके अनुसार:
- मोदी सरकार की योजनाओं से 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आए हैं।
- यह कार्यक्रम केवल स्मरण नहीं, बल्कि विचारों को व्यवहार में उतारने की प्रेरणा है।
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🏛️ आयोजन में विद्वानों और विशिष्ट अतिथियों की भागीदारी
यह समारोह पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति समारोह समिति जयपुर, जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ, और भूपाल नोबल्स विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित हुआ।
उपस्थित प्रमुख गणमान्य:
- प्रोफेसर एस.एस. सारंगदेवोत, कुलपति, राजस्थान विद्यापीठ
- डॉ. सुनीता मिश्रा, कुलगुरु, मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय
- श्री मोहब्बत सिंह, अध्यक्ष, बी.एन. संस्थान
- श्री महेंद्र सिंह आगरिया, सचिव, बी.एन. संस्थान
- पूर्व कुलपति एम.एल. छीपा
- भाजपा शहर जिलाध्यक्ष गजपाल सिंह राठौड़
🌟 क्यों है यह आयोजन महत्वपूर्ण?
- एकात्म मानववाद भारत की वैचारिक परंपरा का मूल स्तंभ है।
- यह आयोजन नई पीढ़ी को विचारधारा से जोड़ने और व्यवहार में उतारने का माध्यम है।
- राज्यपाल जैसे विशिष्ट अतिथि की मौजूदगी से इसे राजकीय और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली।
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