उदयपुर सवीना थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध खैर की लकड़ियों से भरे ट्रक को जब्त किया है। ट्रक में बिना किसी वैध अनुमति के 9 टन से अधिक खैर की लकड़ी ले जाई जा रही थी। पुलिस ने ट्रक चालक को गिरफ्तार कर फॉरेस्ट एक्ट और चोरी की धाराओं में मामला दर्ज किया है।
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🚛 मुखबिर की सूचना से खुली तस्करी की पोल
थानाधिकारी अजय सिंह राव ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक ट्रक गुजरात की ओर से आ रहा है, जिसमें अवैध सामग्री हो सकती है। इस सूचना पर गोखर मगरी सिक्स लेन पर नाकाबंदी की गई।
- ट्रक नंबर RJ-14GT4688 आते हुए दिखाई दिया।
- चालक को रुकने का इशारा किया गया।
- जब ट्रक की तलाशी ली गई तो उसमें गीली खैर की लकड़ियों से भरा हुआ माल मिला।
- ट्रक चालक इसके कोई वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाया।
🔍 गिरफ्तार आरोपी की पहचान
- नाम: तारिफ पुत्र मोहम्मद हसन
- निवासी: पलवल, हरियाणा
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने बिना अनुमति के वन क्षेत्र (Forest Area) से लकड़ी काटकर यह माल अहमदाबाद ले जाने की योजना बनाई थी।
⚖️ क्या है खैर की लकड़ी और क्यों होती है तस्करी?
खैर की लकड़ी एक मूल्यवान वन उत्पाद है, जिसका उपयोग:
- पान मसाले,
- आयुर्वेदिक दवाइयों,
- और रंग निर्माण में होता है।
इसके अत्यधिक व्यापारिक मूल्य के कारण अक्सर बिना वन विभाग की अनुमति के कटाई और परिवहन किया जाता है, जो अपराध की श्रेणी में आता है।
📑 दर्ज की गई धाराएं और कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी पर निम्नलिखित धाराओं में मामला दर्ज किया है:
- भारतीय वन अधिनियम (Forest Act)
- भादंसं की चोरी से संबंधित धाराएं
फिलहाल लकड़ी और ट्रक को जब्त कर लिया गया है और वन विभाग को सूचना दे दी गई है। मामले में अन्य संलिप्त व्यक्तियों की तलाश की जा रही है।
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🪵 क्या कहता है वन विभाग?
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की लकड़ी की तस्करी से:
- जैव विविधता को खतरा होता है,
- वन संपदा का ह्रास होता है,
- और स्थानीय पर्यावरण असंतुलित हो सकता है।
सरकार ने खैर जैसे महत्वपूर्ण वृक्षों की कटाई पर कड़ी निगरानी और लाइसेंस प्रणाली लागू कर रखी है।
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