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गरोठ: बुधवार को गरोठ कृषि उपज मंडी में व्यापारियों की कम भागीदारी के विरोध में किसानों ने सड़क जाम कर दिया। मंडी में 44 लाइसेंसधारी व्यापारियों में से केवल चार व्यापारी ही गेहूं खरीदने आए।
🔹 प्रदर्शन की मुख्य बातें:
- व्यापारियों ने सिर्फ एक घंटे तक नीलामी में भाग लिया और फिर अगले दिन आने की बात कहकर चले गए।
- किसान कई दिनों से अपनी उपज बेचने के लिए मंडी में परेशान हो रहे थे।
- नाराज किसानों ने खड़ावदा रोड स्थित मंडी प्रांगण के गेट के सामने चक्काजाम कर दिया।
पीपलखेड़ा गांव के किसान मदन सिंह ने बताया कि वे दो दिनों से भूखे-प्यासे मंडी में बैठे हैं। अन्य मंडियों में जहां गेहूं 25-30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, वहीं यहां 23 रुपये से भी कम दाम मिल रहे हैं। कुछ किसानों को तो मात्र 18 रुपये प्रति किलो के भाव मिल रहे हैं।
किसान कालूसिंह राजपूत के अनुसार, व्यापारियों की कम संख्या के कारण गेहूं और अन्य फसलों के उचित दाम नहीं मिल पा रहे हैं। किसानों का आरोप है कि मंडी प्रशासन नए व्यापारियों को नहीं बुला रहा है।
प्रशासन का हस्तक्षेप और समाधान
नायब तहसीलदार उत्सव निगम के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि व्यापारियों की कम भागीदारी के मुद्दे पर जल्द कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद शाम को मंडी में फिर से नीलामी शुरू हो गई।
निष्कर्ष
फिरोज की गिरफ्तारी एक बड़ी सफलता है और यह एनआईए के आतंकवाद विरोधी अभियानों के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है। वहीं, गरोठ कृषि उपज मंडी में किसानों के विरोध से साफ है कि उचित मूल्य और व्यापारियों की भागीदारी को लेकर प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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