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प्रतापगढ़ और मंदसौर के बीच फैले खौफनाक रहस्य का पर्दाफाश
मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के भावगढ़ क्षेत्र में पांच माह पहले बोरे में मिली एक बच्ची की लाश के रहस्य से आखिरकार पर्दा उठ गया है। राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमाओं को पार करते हुए पुलिस ने एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाला मामला सुलझाया है।
कैसे हुआ खुलासा?
मामला दिसंबर 2024 का है, जब 27 तारीख को झाड़ियों के बीच एक बोरे में बच्ची का शव मिला था। शव की स्थिति बेहद भयानक थी – शरीर पर चोटों के कई निशान थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। इसके बाद हत्या और बलात्कार की धाराओं में केस दर्ज किया गया।
गले की माला से जुड़ा सुराग
शव के गले में एक खास माला थी – लाल धागे में जड़ाऊ डिज़ाइन वाली। यह माला प्रतापगढ़ जिले के सालमगढ़ क्षेत्र में विशेष पहचान रखती है। यहाँ टाइफाइड के रोगियों के गले में ऐसी माला पहनाने की परंपरा है।
पुलिस इसी सुराग के आधार पर सालमगढ़ पहुंची और वहां के ग्रामीणों से मृतका की पहचान कराने की कोशिश की।
कैसे पकड़े गए आरोपी?
जांच के दौरान पुलिस बड़वास गांव पहुंची। वहां एक युवक ने बताया कि उसने उस बच्ची को गांव में देखा था। इसके बाद पुलिस की टीम बद्रीलाल निनामा तक पहुंची – जो एक अस्पताल में काम करता था, जहां पीड़िता इलाज के लिए भर्ती थी।
अपराध की कहानी
- बद्रीलाल ने बच्ची को बहला-फुसलाकर अस्पताल से भगाया
- उसे अपने गांव ले गया
- वहां अपने भाई रामलाल और दोस्त रमेश मीणा के साथ मिलकर बच्ची से दुष्कर्म किया
- फिर उसकी हत्या कर शव को बोरे में डालकर भावगढ़ के जंगलों में फेंक दिया
पुलिस ने तीनों को प्रतापगढ़ से भचुंडा रोड के पास से गिरफ्तार किया।
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जांच में क्यों लगा इतना वक्त?
यह मामला तीन जिलों – मंदसौर (मध्यप्रदेश), डूंगरपुर और प्रतापगढ़ (राजस्थान) में फैला हुआ था।
- जांच में 10 पुलिस टीमें लगीं
- लगातार 5 महीने तक विभिन्न जिलों में सबूत जुटाए गए
- गवाहों से पूछताछ और टेक्निकल एनालिसिस के बाद यह सफलता मिली

गैंगरेप की आशंका
हालांकि बद्रीलाल ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है, लेकिन बाकी दोनों आरोपियों – रामलाल और रमेश मीणा – से पूछताछ अभी जारी है। पुलिस को शक है कि यह गैंगरेप का मामला हो सकता है।
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समाज के लिए चेतावनी
यह मामला सिर्फ एक बच्ची के साथ हुई दरिंदगी नहीं, बल्कि हमारे समाज और तंत्र के लिए एक चेतावनी है। अस्पताल जैसी सुरक्षित जगह से किसी मासूम को बहला-फुसलाकर ले जाना और फिर उसके साथ इतनी बर्बरता करना – यह बताता है कि सुरक्षा के लिए सिर्फ कानून नहीं, बल्कि जागरूकता और नैतिकता भी जरूरी है।
निष्कर्ष
पुलिस की मेहनत और तकनीकी जांच से यह जघन्य अपराध उजागर हो सका। अब समाज की जिम्मेदारी है कि वह इन घटनाओं से सबक ले और बच्चियों की सुरक्षा के लिए सतर्क और जागरूक रहे।
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