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🌕 297 साल बाद रक्षाबंधन 2025 पर दुर्लभ योग: श्रवण नक्षत्र, भद्रा से मुक्ति और सर्वार्थ सिद्धि का विशेष संयोग

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रक्षाबंधन 2025 एक ऐतिहासिक अवसर लेकर आया है, जो लगभग 297 वर्षों के बाद बन रहा है। 9 अगस्त, शनिवार को पड़ने वाला यह पर्व सिर्फ भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक नहीं होगा, बल्कि ग्रह-नक्षत्रों के अद्भुत संयोग के चलते यह दिन अत्यंत पुण्यदायक माना जा रहा है।

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🗓️ रक्षाबंधन 2025 की तिथि और विशेष ज्योतिषीय संयोग

इस वर्ष रक्षाबंधन शनिवार, 9 अगस्त को मनाया जाएगा, और इस दिन कई दुर्लभ ज्योतिषीय संयोग एकसाथ बन रहे हैं:

  • 🌟 श्रवण नक्षत्र
  • 🌕 पूर्णिमा तिथि
  • ☀️ सूर्य कर्क राशि में
  • 🌙 चंद्रमा मकर राशि में
  • 💫 सर्वार्थ सिद्धि योग
  • 🚫 भद्रा काल से मुक्ति

पंडित अमर डिब्बेवाला के अनुसार, यह वही ग्रह स्थिति है जो सन् 1728 में बनी थी, और अब 297 साल बाद पुनः दोहराई जा रही है


🔭 कौन-कौन से ग्रह बना रहे हैं विशेष योग?

ग्रहराशि 2025 में
सूर्यकर्क
चंद्रमकर
मंगलकन्या
बुधकर्क
गुरुमिथुन
शुक्रमिथुन
राहुकुंभ
केतुसिंह

यह वही स्थिति है जो 1728 में रही थी। इसलिए 2025 का रक्षाबंधन ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत प्रभावशाली है।


⛅ भद्रा काल से मुक्ति: शुभ मुहूर्त में रक्षा सूत्र

इस बार रक्षाबंधन पर सबसे बड़ी खुशी की बात यह है कि:

राखी बांधने का समय पूरे दिन शुभ रहेगा।

🕰️ शुभ मुहूर्त:
प्रातः सूर्योदय से दोपहर 2:40 बजे तक
इस अवधि में सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा, जिससे यह समय और अधिक मंगलकारी हो जाता है।


🕉️ सर्वार्थ सिद्धि योग का महत्व

सर्वार्थ सिद्धि योग वह समय होता है जब किए गए कार्यों में पूर्ण सफलता प्राप्त होती है। इस योग में राखी बांधना:

  • भाई की दीर्घायु व समृद्धि का कारक बनता है
  • बहनों को सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है
  • रिश्तों में आत्मिक और आध्यात्मिक मजबूती आती है

🙏 महाकालेश्वर मंदिर में राखी की शुरुआत

परंपरानुसार उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले भगवान महाकाल को राखी बांधी जाएगी

🔹 तड़के भस्म आरती के दौरान रक्षा सूत्र अर्पित किया जाएगा
🔹 सवा लाख लड्डुओं का महाभोग चढ़ाया जाएगा
🔹 गर्भगृह और नंदी हॉल को फूलों से सजाया जाएगा
🔹 पुजारी परिवार की महिलाएं विशेष राखी भगवान के लिए बनाती हैं

यह परंपरा यह दर्शाती है कि हमारे पर्वों की शुरुआत ईश्वर से होती है

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🌿 राखी से जुड़ी पर्यावरणीय पहलें

2025 में राखी पर्व पर ईको-फ्रेंडली राखियाँ भी विशेष रूप से प्रचलन में हैं:

  • बीजयुक्त (Seed) राखियाँ
  • कागज़ और सूती धागों से बनी राखियाँ
  • प्लास्टिक मुक्त राखियाँ

यह पहल हमें प्रकृति से जुड़े रहने और धरती की रक्षा के संदेश भी देती है।


🔮 रक्षाबंधन के दिन करें ये उपाय

पंडितों के अनुसार, कुछ विशेष कार्य करने से इस दिन का पुण्यफल और भी बढ़ जाता है:

  1. भगवान शिव और पार्वती को रक्षा सूत्र अर्पित करें
  2. गाय को गुड़ और चना खिलाएं
  3. बहनें केसर का तिलक करें
  4. भाई रुपए या चांदी का सिक्का उपहार में दें

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