गर्मी का मौसम जैसे-जैसे तेज़ हो रहा है, वैसे-वैसे उदयपुर की पहाड़ियों और जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। हाल ही में सज्जनगढ़ की पहाड़ियों में आग लगने की खबर आई थी और अब गुरुवार को मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी (MLSU) परिसर के खाली हिस्से में भीषण आग लगने की घटना ने शहरवासियों की चिंता बढ़ा दी है।
🔎 आग का फैलाव और स्थिति की गंभीरता
आग यूनिवर्सिटी परिसर के उस हिस्से में लगी, जहां पेड़ और झाड़ियाँ बड़ी मात्रा में मौजूद हैं। शुरुआती चिंगारी ने जल्द ही विकराल रूप ले लिया और कुछ ही पलों में आग की लपटों और धुएं का गुबार आसमान तक पहुँच गया। आग की भयावहता देखकर आसपास के लोग घटनास्थल के पास जमा हो गए।
🚒 फायर ब्रिगेड की तत्परता
सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुँची और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू किए गए। राहत की बात यह रही कि आग यूनिवर्सिटी के हॉस्टल क्षेत्र तक नहीं पहुँची, जिससे किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।
📍 लोकेशन और सुरक्षा के उपाय
यूनिवर्सिटी का एक रास्ता प्रतापनगर रोड की ओर निकलता है, जिसे एहतियात के तौर पर बंद कर दिया गया है ताकि किसी अप्रत्याशित दुर्घटना से बचा जा सके। चूंकि यूनिवर्सिटी में छुट्टियाँ चल रही हैं, इस कारण परिसर में छात्र नहीं थे।
🌡️ क्यों बार-बार लग रही है आग?
उदयपुर की भौगोलिक स्थिति, सूखे पेड़-पौधे और तेज़ गर्म हवाएं आग लगने की घटनाओं को बढ़ावा दे रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में हर गर्मी के मौसम में ऐसी घटनाएं देखने को मिल रही हैं, जिनमें प्राकृतिक संसाधनों और वन्य जीवन को भारी नुकसान हुआ है।
📣 प्रशासन और नागरिकों से अपेक्षाएं
स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे:
- खाली पड़े क्षेत्रों में सूखे पेड़ों और झाड़ियों की समय-समय पर सफाई करें।
- आग बुझाने के उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
- नागरिकों को जागरूक करें कि वे खुले स्थानों में आग न जलाएं।
वहीं, आम नागरिकों को भी चाहिए कि यदि वे किसी क्षेत्र में धुंआ या आग की स्थिति देखें, तो तुरंत संबंधित विभाग को सूचित करें।
गर्मी के बढ़ते प्रकोप के साथ उदयपुर में आग की घटनाएं चिंताजनक रूप ले रही हैं। इस तरह की घटनाएं सिर्फ पर्यावरण ही नहीं, इंसानी जीवन के लिए भी खतरा बन सकती हैं। समय रहते सजगता और सावधानी अपनाकर ही हम इस प्राकृतिक आपदा से बच सकते हैं।