🚩 नागौर जिले से मध्यप्रदेश तक, गोवंशों की तस्करी के मामले में पुलिस की भूमिका पर उठे सवाल।
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🐄 अवैध तस्करी और पुलिस की संदिग्ध भूमिका
राजस्थान के नागौर जिले में हाल ही में हुए पशु मेले के बाद एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जनसुनवाई के दौरान यह बात प्रकाश में आई कि मवेशियों (गाय और बैलों) को मध्यप्रदेश ले जाने के लिए पुलिस द्वारा ट्रकों को एस्कॉर्ट किया गया।
बताया गया कि नागौर कलेक्टर की सिफारिश पर हर जिले में पुलिस बल तैनात किया गया ताकि ट्रकों को “सुरक्षित” निकाला जा सके।
😡 हिंदू संगठनों का गुस्सा क्यों फूटा?
इस पूरे घटनाक्रम से हिंदू संगठनों में भारी नाराजगी देखी गई। उनका कहना है कि:
- गोवंशों की लगातार हत्या की जा रही है।
- जब वे इसे रोकने जाते हैं, तो पुलिस ही तस्करों को संरक्षण देती है।
- यह न केवल गौ रक्षा नियमों का उल्लंघन है, बल्कि करोड़ों हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को भी ठेस पहुंचाता है।
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📢 शिक्षा मंत्री के समक्ष हुआ विरोध प्रदर्शन
हिंदू संगठनों ने शिक्षा मंत्री के समक्ष विरोध जताते हुए कई मांगें रखीं:
- जिन अधिकारियों ने एस्कॉर्टिंग की, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो।
- गोवंश सुरक्षा के लिए सख्त और ठोस नीति बनाई जाए।
- पुलिस की भूमिका की निष्पक्ष जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए।
शिक्षा मंत्री ने इस पर गंभीरता से प्रतिक्रिया देते हुए संबंधित विभागों को प्रकरण भेजने का भरोसा दिलाया।
🛡️ क्या कहती है गौ संरक्षण नीति?
राजस्थान और मध्यप्रदेश में गौ हत्या प्रतिबंधित है। बावजूद इसके, हर साल हजारों गोवंश अवैध तरीके से एक राज्य से दूसरे राज्य में तस्करी के शिकार बनते हैं।
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🚔 क्या पुलिस संरक्षण में हो रही है तस्करी?
जनता और हिंदू संगठनों की सबसे बड़ी चिंता यही है कि जो पुलिस तस्करी रोकने की जिम्मेदार है, वही सहयोग करती दिख रही है। ऐसे में यह सवाल उठता है:
- क्या यह प्रशासनिक विफलता है?
- क्या इसमें भ्रष्टाचार की बू है?
- क्या इस विषय पर सरकार को सीधे हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए?
🙏 जनता की मांग: धार्मिक आस्था की रक्षा हो
देशभर में गौ माता के प्रति आस्था बहुत गहरी है। ऐसे में इस प्रकार की घटनाएं सामाजिक असंतुलन और आक्रोश को जन्म देती हैं।
हिंदू संगठनों ने मांग की है कि:
- गौशालाओं को बढ़ावा दिया जाए।
- अवैध मवेशी व्यापारियों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमे चलें।
- गौ-तस्करी रोकने के लिए सीमा क्षेत्रों पर विशेष बल तैनात किया जाए।
🗞️ निष्कर्ष
गौवंश तस्करी के मामलों में पुलिस की संदिग्ध भूमिका और प्रशासनिक संरक्षण जैसे मुद्दे सरकार और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय हैं।
अब देखना यह है कि क्या इस विरोध के बाद सरकार कोई ठोस कदम उठाती है या यह मामला भी पुरानी फाइलों में दबकर रह जाएगा।
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