वन्यजीव प्रेमियों और वन विभाग के लिए बड़ी खबर है। बुद्ध पूर्णिमा (12 मई) को होने वाली वन्यजीव गणना को बारिश के चलते 11 जून तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़ और उदयपुर जिलों में फैली सीतामाता और बस्सी सेंचुरी में इस बदलाव का सीधा असर पड़ेगा।
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🌲 क्यों टली वन्यजीव गणना?
बारिश ने वन्यजीव गणना के लिए बनी सभी तैयारियों को प्रभावित किया है:
- जंगलों में पानी भर गया है और कीचड़ की वजह से ट्रैक्सिंग कठिन हो गई है
- वाटर होल्स में भरपूर पानी होने से अब वन्यजीव वहां कम नजर आएंगे
- जंगलों की हरियाली घनी हो चुकी है, जिससे दृश्यता सीमित हो गई है
DFO ने जयपुर मुख्यालय को जानकारी दी थी कि मौजूदा हालात में सटीक डेटा नहीं मिल पाएगा, इसलिए गणना की तारीख आगे बढ़ाई गई है।
🐅 अब 11 जून को होगी गिनती: जानें इसका महत्व
वन्यजीव गणना अब ज्येष्ठ पूर्णिमा, यानी 11 जून को होगी। यह फैसला राजस्थान की प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक शिखा मेहरा द्वारा जारी किया गया है।
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🎯 क्यों जरूरी है वन्यजीव गणना?
- वन विभाग को जंगलों में वन्यजीवों की उपस्थिति का अनुमान मिलता है
- विभिन्न प्रजातियों की संख्या बढ़ने या घटने का पता चलता है
- पर्यावरण संतुलन और संरक्षण योजनाओं के लिए डेटा आवश्यक होता है
- इसी पर आगे की रणनीति और बजट तय किया जाता है
इस बार भी ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं और वन्यजीव प्रेमियों के आवेदन पहले ही आ चुके हैं।
📉 42 साल में पांचवीं बार स्थगित हुई गणना
1983 से अब तक यह पांचवीं बार है जब बुद्ध पूर्णिमा को गणना नहीं होगी:
वर्ष | कारण |
---|---|
2006 | बारिश |
2020 | कोरोना |
2021 | कोरोना + ताऊते तूफान |
2023 | बारिश |
2024 | बारिश |
हर बार कोई न कोई प्राकृतिक आपदा या विशेष कारण सामने आया है जिससे यह परंपरा टूटी है।
🌕 चांदनी रात का महत्व
बुद्ध पूर्णिमा की चांदनी रात में वन्यजीवों को देखना आसान होता है। इसलिए हर साल इस दिन:
- वन्यजीव प्रेमी और अधिकारी वाटर होल्स के पास 24 घंटे ड्यूटी देते हैं
- मचान पर बैठकर दिन-रात गणना की जाती है
- सीमित संसाधनों के कारण हर नदी-नाले पर निगरानी संभव नहीं होती

📌 निष्कर्ष
वन्यजीव गणना सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि प्राकृतिक पारिस्थितिकी को समझने और संतुलित रखने का जरिया है। इस बार बारिश ने भले ही गणना को टाल दिया हो, लेकिन 11 जून को यह प्रयास फिर से शुरू होगा – और उम्मीद की जा रही है कि आंकड़े और बेहतर मिलेंगे।
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