रतलाम

रतलाम में श्री महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव धूमधाम से मनाया गया

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रतलाम, मध्यप्रदेश: समग्र जैन समाज द्वारा रतलाम में प्रभु श्री महावीर स्वामी का जन्मकल्याणक महोत्सव भव्यता के साथ मनाया गया। इस आयोजन का नेतृत्व महावीर जैन युवा संघ ने किया, जिसमें पूरे शहर में भव्य चल समारोह निकाला गया। चल समारोह का समापन सागोद रोड स्थित जैन स्कूल में आयोजित विशाल धर्मसभा में हुआ।

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चल समारोह की भव्य शुरुआत

चल समारोह की शुरुआत रतलाम के प्रसिद्ध श्री मोती पूज्य मंदिर, चौमुखीपुल से हुई। इस शोभायात्रा ने शहर के कई प्रमुख मार्गों—घासबाजार, डालूमोदी बाजार, नाहरपुरा, धानमंडी, गणेशदेवरी, तोपखाना, चांदनीचौक और लक्कड़पीठा—से होते हुए सागोद रोड स्थित जैन स्कूल तक यात्रा की।

इस धार्मिक यात्रा में जैन संत, समाज के गणमान्य जन, और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। शोभायात्रा के दौरान भगवान महावीर स्वामी की आकर्षक झांकियां, बैंड-बाजे और रथों का नजारा देखने लायक था।


प्रमुख संत और अतिथि गणों की उपस्थिति

इस अवसर पर पूज्य आचार्य श्री प्रसन्नचंद्र सागर जी महाराज, कैबिनेट मंत्री श्री चेतन्य काश्यप, तथा पूर्व मंत्री हिम्मत कोठारी ने अपनी उपस्थिति से समारोह की शोभा बढ़ाई। धर्मसभा में सभी ने धर्म, संयम और अहिंसा के महत्व पर प्रकाश डाला।

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आकर्षण का केंद्र: रथ, ध्वज और झांकियां

इस चल समारोह की सबसे खास बात रही भगवान महावीर की चांदी की पालकी, जिसमें भगवान की मनमोहक प्रतिमा विराजित थी। रथ के साथ-साथ समाजजन ने इंद्र ध्वज, वैदिजी रथ और 5 धर्मध्वजाएं थामे हुए, श्रद्धा और उत्साह के साथ नगर भ्रमण किया।

छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने भगवान के जयकारों के साथ अपनी आस्था प्रकट की। झांकियों में भगवान महावीर के जीवन प्रसंगों को सुंदरता से प्रस्तुत किया गया।


धर्मसभा में दिए गए प्रेरणादायक संदेश

धर्मसभा के दौरान आचार्य श्री ने अपने प्रवचनों में अहिंसा, सत्य, और धर्म के मूल सिद्धांतों को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी। मंत्रीगण ने भी समाज की एकता और धर्म के प्रचार-प्रसार में योगदान की सराहना की।


समापन और समाज की एकजुटता का प्रतीक

समारोह का समापन सामूहिक प्रार्थना और महावीर स्वामी के कल्याणकारी संदेश के साथ हुआ। यह आयोजन समाज की एकता, श्रद्धा और सांस्कृतिक धरोहर का अनूठा उदाहरण बन गया।


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