राजस्थान के उदयपुर जिले में वन्यजीवों की हलचल तेज हो गई है। मावली और कुराबड़ ब्लॉक में दो अलग-अलग घटनाओं में दो लेपर्ड (तेन्दुए) पकड़े गए, जिससे ग्रामीणों को मिली बड़ी राहत।
✅ मावली ब्लॉक: तीन दिन से दहशत में थे ग्रामीण
उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर मावली ब्लॉक के खेमली पंचायत के विजनवास-गंदोली मार्ग पर पिछले तीन दिनों से लेपर्ड का मूवमेंट देखा जा रहा था।
ग्रामीणों को डर सता रहा था कि कहीं यह जंगली जानवर घरों में घुसकर हमला न कर दे।
🔒 पिंजरे में फंसा चालाक लेपर्ड
ग्रामीणों की मांग पर वन विभाग ने तीन दिन पहले क्षेत्र में पिंजरा लगाया। पहले लेपर्ड ने पिंजरे के पास आकर खाना खाया लेकिन पिंजरे में नहीं घुसा।
वनकर्मियों ने उसकी चालाकी को समझते हुए पिंजरे की लोकेशन बदल दी और गुरुवार शाम को स्कूल के पीछे खदान के पास पिंजरा लगाया गया।
आज सुबह करीब 8 बजे आखिरकार लेपर्ड उसमें फंस गया।
📍 स्थान: गंदोली, मावली ब्लॉक
📅 तिथि: आज सुबह 8 बजे
🧑🌾 ग्रामीणों ने ली राहत की सांस
पिंजरे में फंसे लेपर्ड को देखने बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए।
भीमराज मेघवाल ने बताया कि विजनवास, बिठोली, तुरकिया जैसे गांवों के लोग पिछले कई दिनों से इस जानवर की वजह से परेशान थे।
लेपर्ड मवेशियों और श्वानों का शिकार कर रहा था।
वन विभाग की टीम ने पिंजरे को सुरक्षित वाहन में डालकर उदयपुर के सज्जनगढ़ बायोलोजिकल पार्क भेज दिया।
🔗 सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के बारे में पढ़ें
🌳 कुराबड़ ब्लॉक: झाड़ियों में फंसा दूसरा लेपर्ड
उदयपुर जिले के कुराबड़ ब्लॉक में भी एक लेपर्ड आज एक फंदे में फंसा पाया गया।
यह घटना बिछड़ी गांव के पास की है, जहां ग्रामीणों ने देखा कि झाड़ियों में एक लेपर्ड निकलने की कोशिश कर रहा था लेकिन फंदे में बुरी तरह फंसा हुआ था।
🆘 वन विभाग को मिली सूचना
स्थानीय लोगों ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया और तब तक मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई।
वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर लेपर्ड को सुरक्षित निकाला और उसे भी मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया।
🔎 विशेषज्ञों की राय: क्यों बढ़ रही है इंसान-वन्यजीव मुठभेड़?
विशेषज्ञ मानते हैं कि लगातार हो रहे जंगलों के कटाव, शहरीकरण और प्राकृतिक आवास में दखलंदाजी की वजह से लेपर्ड जैसे वन्यजीव आबादी वाले इलाकों की ओर बढ़ रहे हैं।
यह इंसान और जानवर दोनों के लिए खतरे की स्थिति पैदा कर रहा है।
🦺 क्या करें जब आस-पास दिखे लेपर्ड?
- घबराएं नहीं और भागें नहीं
- वन विभाग को तुरंत सूचना दें
- बच्चों और पालतू जानवरों को सुरक्षित स्थान पर रखें
- समूह में रहें, अकेले बाहर न निकलें
📢 निष्कर्ष
उदयपुर जिले के मावली और कुराबड़ ब्लॉक में लेपर्ड के पकड़े जाने की घटनाओं से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है, लेकिन यह घटनाएं वन्यजीवों और मानव जीवन के बीच संघर्ष की गंभीरता को उजागर करती हैं।
सरकार और वन विभाग को मिलकर ऐसे प्रयास करने होंगे जिससे इनकी सह-अस्तित्व की संभावनाएं बढ़ें।
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