उदयपुर

उदयपुर में एआई से विवाहिता का आपत्तिजनक वीडियो बनाया और वायरल किया, पुलिस जांच में जुटी

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उदयपुर से चौंकाने वाली खबर

राजस्थान के उदयपुर जिले के सवीना थाना क्षेत्र से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक विवाहिता का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल कर फेक आपत्तिजनक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप ग्रुप्स पर शेयर कर दिया गया। महिला ने इस घटना की शिकायत थाने में दर्ज कराई है।

पुलिस के अनुसार आरोपी ने महिला की अनुमति के बिना उसकी तस्वीरों का इस्तेमाल कर AI Generated Video तैयार किया और उसे महिला के पति सहित समाज के कई ग्रुप्स में भेज दिया। यह मामला सिर्फ उदयपुर ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान में AI तकनीक के दुरुपयोग को लेकर चिंता बढ़ाने वाला है।


महिला ने थाने में दर्ज कराई शिकायत

पीड़िता ने सवीना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया कि वह बीते सप्ताह से उदयपुर स्थित अपने पीहर में रह रही थी। 4 सितंबर को आरोपी ने एआई के माध्यम से उसका फेक अश्लील वीडियो बनाकर पति को भेज दिया। पति ने जब यह वीडियो देखा तो हैरान रह गए और तुरंत पत्नी को इसकी जानकारी दी।

महिला का कहना है कि आरोपी साल 2021 में उसके साथ पढ़ाई करता था। उस दौरान वह लगातार दोस्ती करने का दबाव डालता था। शादी के बाद भी आरोपी उसका पीछा करता रहा।


दोस्ती से इनकार करने पर बदला लेने की कोशिश

रिपोर्ट के अनुसार, जब महिला ने आरोपी से दूरी बना ली और उसकी दोस्ती स्वीकार नहीं की, तो आरोपी ने बदला लेने के लिए इस तरह की हरकत की। उसने न केवल वीडियो तैयार किया बल्कि उसे महिला के पति और समाज के व्हाट्सऐप ग्रुप्स पर भी भेजा।

पीड़िता ने बताया कि पहले भी आरोपी उसे परेशान करता था और धमकी देता था कि अगर दोस्ती नहीं की तो वह वीडियो बनाकर वायरल कर देगा। इसी कारण महिला ने अपना पुराना मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया था। इसके बावजूद आरोपी ने परिचितों को वीडियो भेज दिया, जिससे यह वायरल हो गया और महिला की सामाजिक छवि खराब करने की कोशिश की गई।


पुलिस की कार्रवाई

इस पूरे मामले में उदयपुर पुलिस ने गंभीरता दिखाते हुए जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस आरोपी की पहचान और उसके तकनीकी साधनों का पता लगाने में जुटी हुई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला आधुनिक तकनीक के गलत इस्तेमाल का है और इसमें साइबर सेल की भी मदद ली जाएगी।


एआई तकनीक का खतरनाक इस्तेमाल

इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि Artificial Intelligence (AI) जैसी तकनीक का गलत उपयोग किस तरह समाज में गंभीर संकट पैदा कर सकता है।

  • एआई से बनाए गए Deepfake वीडियो अक्सर असली और नकली की पहचान करना मुश्किल कर देते हैं।
  • इस तरह की घटनाएं न सिर्फ किसी की निजता का हनन करती हैं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्तर पर भी गहरी चोट पहुंचाती हैं।

विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसे मामलों से निपटने के लिए कड़े साइबर कानून और जागरूकता बेहद जरूरी है।


राजस्थान में बढ़ रहे साइबर अपराध

राजस्थान में पिछले कुछ वर्षों में साइबर अपराध और फेक वीडियो के मामले तेजी से बढ़े हैं। खासकर उदयपुर, चित्तौड़गढ़ और जयपुर जैसे शहरों से आए दिन शिकायतें सामने आती हैं।

  • कई बार आरोपी ऑनलाइन फ्रॉड के जरिए पैसे ऐंठते हैं।
  • अब एआई का इस्तेमाल कर बदनाम करने और मानसिक प्रताड़ना देने के मामले भी सामने आ रहे हैं।

इस तरह की घटनाएं महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को गहराई से प्रभावित करती हैं।


पीड़िताओं के लिए जरूरी कदम

विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई महिला या व्यक्ति इस तरह की परेशानी का सामना करता है तो तुरंत पुलिस और साइबर क्राइम हेल्पलाइन से संपर्क करना चाहिए।

  • शिकायत दर्ज कराने में देरी नहीं करनी चाहिए।
  • आरोपी को ब्लॉक करने के बजाय उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना जरूरी है।
  • समाज को भी ऐसे मामलों में पीड़ित का साथ देना चाहिए, ताकि अपराधी हिम्मत न कर सकें।

उदयपुर पुलिस की अपील

उदयपुर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के संदिग्ध वीडियो को शेयर न करें और तुरंत पुलिस को जानकारी दें। पुलिस का कहना है कि इस तरह के मामले में वीडियो शेयर करने वाले भी दोषी माने जाएंगे।


निष्कर्ष

उदयपुर की यह घटना बताती है कि तकनीक जितनी उपयोगी है, उसका गलत इस्तेमाल उतना ही खतरनाक साबित हो सकता है। इस मामले ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि AI Deepfake Technology का दुरुपयोग रोकने के लिए अब सख्त कदम उठाने जरूरी हैं।


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