चित्तौड़गढ़

गंगरार के बोरदा गांव में अपहरण के बाद डॉक्टर राकेश मंडल ने पुलिस से न्याय की मांग की

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गंगरार उपखंड के बोरदा गांव में हाल ही में एक बंगाली डॉक्टर राकेश मंडल के अपहरण ने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी। अपहरण के मामले में अब तक किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है, जिससे पीड़ित परिवार में भारी तनाव और भय का माहौल है। डॉक्टर राकेश मंडल और उनकी पत्नी मीता मंडल ने इस मामले में न्याय की मांग करते हुए चित्तौड़गढ़ पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय में जाकर अपनी आपबीती साझा की। उनका कहना है कि अपहरणकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने से वे मानसिक और शारीरिक रूप से अत्यधिक परेशान हैं।

गंगरार के बोरदा गांव में हुआ अपहरण
21 अप्रैल को डॉक्टर राकेश मंडल रोज की तरह बोरदा गांव स्थित अपने क्लिनिक से घर लौट रहे थे। उन्होंने अपनी पत्नी को फोन करके बताया कि वह 20 मिनट में घर पहुँचेंगे। लेकिन समय बीतने के बाद जब डॉक्टर राकेश मंडल घर नहीं पहुंचे, तो उनकी पत्नी ने फोन किया, जो स्विच ऑफ था। इससे परिवार में चिंता बढ़ी और अपहरण की आशंका पैदा हुई।

व्हाट्सएप वॉयस मैसेज से खुलासा
करीब दो घंटे बाद, डॉक्टर राकेश मंडल के फोन से उनकी पत्नी मीता को व्हाट्सएप पर एक वॉयस मैसेज आया। इस संदेश में डॉक्टर ने कहा कि वह एक मरीज का इलाज कर रहे हैं और कुछ देर में घर लौटेंगे। हालांकि, रात के करीब एक बजे फिर से एक नया वॉयस मैसेज आया, जिसमें डॉक्टर ने बताया कि मरीज की गलती से मौत हो गई है और इस घटना को छिपाने के लिए अपहरणकर्ताओं ने पांच लाख रुपये की मांग की।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई और अपहरण का खुलासा
घबराई हुई मीता मंडल ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की और पाया कि डॉक्टर राकेश मंडल का अपहरण कर लिया गया था। हालांकि, अपहरणकर्ताओं ने डॉक्टर को रास्ते में ही छोड़ दिया था। पुलिस ने डॉक्टर को सुरक्षित रूप से बरामद किया, लेकिन डॉक्टर की शारीरिक स्थिति गंभीर थी क्योंकि उन्हें अपहरणकर्ताओं द्वारा मारा-पीटा गया था और उनके पैर में फ्रैक्चर हो गया था।

पैसे की मांग और शारीरिक प्रताड़ना
डॉक्टर राकेश मंडल ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अपनी शिकायत में कहा कि अपहरणकर्ताओं ने उन्हें न केवल बंधक बनाया, बल्कि उनसे पैसे ऐंठने की कोशिश भी की। उन्हें शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया गया। डॉक्टर राकेश मंडल ने बताया कि यदि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई नहीं की होती, तो उनकी जान भी जा सकती थी।

न्याय की मांग
पीड़ित डॉक्टर और उनकी पत्नी ने पुलिस अधीक्षक से अपील की कि अपहरणकर्ताओं को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और निर्दोष इस प्रकार की घटना का शिकार न हो। डॉक्टर राकेश मंडल का कहना है कि अगर आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो वे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान रहते हुए अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर हमेशा डर में जीते रहेंगे।


यह मामला ना केवल गंगरार क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है, बल्कि पूरे राज्य में अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता को भी उजागर करता है। डॉक्टर राकेश मंडल के अपहरण ने यह सिद्ध कर दिया है कि पुलिस की तत्परता और कार्रवाई से किसी की जान बच सकती है। अब पूरा परिवार और गांववाले न्याय की उम्मीद कर रहे हैं और सरकार से अपहरणकर्ताओं के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।



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