रतलाम

पारिवारिक विवाद में चाकूबाजी, दामाद की मौत, सास और ननद घायल

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इंदौर से आई महिला पर बेटी के ससुराल में हमला – पुलिस जांच में जुटी

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घटना का विवरण

रतलाम जिले के डीडी नगर थाना क्षेत्र के मानव नगर इलाके में गुरुवार रात को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। पारिवारिक विवाद के चलते चाकूबाजी में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गईं। मृतक की पहचान महेश राठौर (34) के रूप में हुई है, जो इंदौर निवासी माया देवी के दामाद थे।

घटना के समय माया देवी अपनी बेटी उर्मिला, जो रतलाम के मानव नगर में रहती है, के ससुराल पक्ष के विवाद को सुलझाने आई थीं। इस दौरान हमला हो गया, जिसमें माया, उनकी बेटी की ननद ज्योति और महेश घायल हो गए। महेश की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई।


कैसे हुआ हमला?

घटना गुरुवार रात 8:30 बजे के करीब की है। माया देवी, महेश राठौर और अन्य लोग उर्मिला के घर के पास पहुँचे ही थे कि अचानक कुछ लोगों ने उन पर चाकू से हमला कर दिया।

  • महेश राठौर को चाकू बांई कमर में लगा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।
  • ज्योति (उर्मिला की ननद) और माया देवी को भी चोटें आईं, जब वे बीच-बचाव करने की कोशिश कर रही थीं।
  • घायलों को तुरंत जिला अस्पताल लाया गया, जहाँ रात 10:15 बजे महेश की मौत हो गई।

शव का पीएम और पुलिस कार्रवाई

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा।
सीएसपी सत्येंद्र घनघोरिया ने बताया कि यह मामला आपसी पारिवारिक विवाद का है।

“मृतक के परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है और हमलावरों की तलाश की जा रही है।”


माया देवी के गंभीर आरोप

मृतक महेश की सास माया देवी ने गंभीर आरोप लगाए हैं।

  • उन्होंने बताया कि उनकी बेटी उर्मिला को उसके ससुराल वाले अक्सर परेशान करते थे।
  • विवाद के समाधान के लिए वह अपने बड़े दामाद और अन्य लोगों के साथ रतलाम आई थीं।
  • माया का कहना है कि 15-20 लोगों ने उन पर हमला किया, और यह हमला उर्मिला के सास-ससुर की योजना थी।
  • ज्योति, जो कि विवाद में हस्तक्षेप करने आई थीं, को भी चाकू मारा गया।

सामाजिक चिंता और सवाल

यह घटना न केवल पारिवारिक तनावों की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कैसे घरेलू विवाद खतरनाक स्तर तक पहुँच सकते हैं।

📌 क्या यह मामला पहले ही सुलझाया जा सकता था?
📌 कानूनी मदद क्यों नहीं ली गई समय रहते?
📌 क्या पुलिस की निगरानी पहले से होती तो यह हमला रोका जा सकता था?


निष्कर्ष

मानव नगर की यह घटना एक चेतावनी है – कि पारिवारिक झगड़े अगर समय रहते नहीं सुलझाए गए तो वे घातक रूप ले सकते हैं। अब देखना यह होगा कि पुलिस इस पूरे मामले में निष्पक्षता से कार्यवाही कर पाती है या नहीं।


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