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तीन महीने पुरानी चोरी सुलझी: चित्तौड़गढ़ GRP ने अजमेर जेल से निकाला आरोपी
चित्तौड़गढ़: करीब साढ़े तीन महीने पहले वीरभूमि एक्सप्रेस में सफर कर रही महिला का पर्स चोरी हो गया था, जिसमें लाखों रुपए के गहने और मोबाइल था। GRP चित्तौड़गढ़ पुलिस ने इस मामले का पर्दाफाश करते हुए एक आदतन अपराधी हंसराज गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पहले से ही अजमेर सेंट्रल जेल में बंद था और उसे प्रोडक्शन वारंट के जरिए लाकर गिरफ्तार किया गया।
कैसे हुआ चोरी का खुलासा: जानिए पूरी घटना
थानाधिकारी अनिल देवल ने जानकारी दी कि 27 जनवरी 2025 को मंदसौर निवासी आयुष जैन अपनी मां शोभा जैन के साथ वीरभूमि एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थे। शोभा जैन उदयपुर से मंदसौर लौट रही थीं। यात्रा के दौरान जब ट्रेन निंबाहेड़ा के पास पहुंची, रात में अचानक नींद खुली तो पर्स गायब मिला।
पर्स में था:
- दो सोने की अंगूठी
- एक सोने का ब्रेसलेट
- एक मोबाइल फोन
➡️ कुल कीमत: ₹2,10,000
शिकायत नीमच GRP को दी गई थी, जिसे आगे चित्तौड़गढ़ GRP को सौंपा गया।
अजमेर जेल में पहले से बंद था आरोपी
इस चोरी की जांच हेड कांस्टेबल अनिल कुमार को सौंपी गई। जांच के दौरान सामने आया कि यह चोरी चित्तौड़गढ़ जिले के चंदेरिया निवासी हंसराज गुर्जर (30) ने की थी।
हंसराज साल 2024 में हुई एक अन्य चोरी में पहले ही गिरफ्तार होकर अजमेर जेल में बंद था। पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट के तहत उसे जेल से बाहर लाकर चित्तौड़गढ़ लाया और पूछताछ की। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि चोरी का सारा सामान उसने अपने घर पर छिपाकर रखा था, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।
चोरी करने के बाद बेच नहीं पाया, सीधा गया जेल
हंसराज का प्लान था कि मौका मिलते ही पर्स से मिले गहने और मोबाइल बेच देगा। लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और वो एक दूसरे मामले में पकड़ा गया। चोरी का सामान घर पर ही छुपा रहा और बेचने से पहले ही जेल चला गया।
कुल 10 आपराधिक मामले: हंसराज है आदतन अपराधी
हंसराज गुर्जर के खिलाफ राजस्थान के कई थानों में कुल 10 मुकदमे दर्ज हैं। यह चोरी, लूट, आर्म्स एक्ट और आबकारी अधिनियम से संबंधित हैं।
थानेवार मुकदमे:
- चंदेरिया थाना: 4 मामले
- GRP चित्तौड़गढ़: 3 मामले
- अजमेर GRP: 1 मामला
- गंगरार थाना: 1 मामला
- भीलवाड़ा कोतवाली: 1 मामला
- शंभूपुरा थाना: 1 मामला
यह स्पष्ट है कि हंसराज एक शातिर और आदतन अपराधी है, जो लंबे समय से ट्रेनों और घरों को अपना निशाना बना रहा है।
पुलिस टीम की सक्रियता से खुला मामला
इस पूरे ऑपरेशन में हेड कांस्टेबल अनिल कुमार, सांवर सिंह, नटवर सिंह, पवन कुमार, गोपाल लाल और जीतराम की विशेष भूमिका रही, जिन्होंने ना सिर्फ मामले की तह तक पहुंचा, बल्कि एक सीरियल चोर को सलाखों के पीछे पहुंचाया।
यात्रियों के लिए सबक: ट्रेन यात्रा के दौरान रहें सतर्क
इस घटना से यह संदेश साफ है कि ट्रेन में यात्रा करते समय सतर्कता बेहद जरूरी है। रात में यात्रा के दौरान कीमती सामान अपने पास सुरक्षित रखें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत रिपोर्ट करें।

निष्कर्ष
चित्तौड़गढ़ GRP की ये कार्रवाई न सिर्फ एक चोरी के मामले को सुलझाने में सफल रही, बल्कि एक आदतन अपराधी को फिर से जेल भेजकर जनता की सुरक्षा को मजबूत किया। रेलवे में चोरी की बढ़ती घटनाओं के बीच यह एक प्रेरक उदाहरण है कि पुलिस की सतर्कता से कानून का राज कायम है।
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