मंदसौर जिले में स्क्रब टायफस नामक बीमारी तेजी से फैल रही है। जिले के अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक जिले में इस बीमारी के 50 मामले सामने आ चुके हैं।
मरीजों में मंदसौर शहर के साथ-साथ लसूड़िया, तितरोद, आक्याबिका, कचनारा और हरिपुरा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी शामिल हैं। रोजाना सैकड़ों लोग अस्पताल पहुंच रहे हैं ताकि उनका इलाज हो सके।

अस्पताल में रोज सैकड़ों मरीज आ रहे हैं।
स्क्रब टायफस कैसे फैलती है? इस बीमारी का कारण पिस्सू के काटने से होता है। पिस्सू चूहों में रहते हैं और इनके जरिए यह बीमारी इंसानों तक पहुंचती है। पिस्सू जब इंसान को काटते हैं, तो उनकी लार में मौजूद बैक्टिरिया रिकेट्सिया सुसुगामुशी इंसान के खून में मिलकर कर बीमारी फैलाता है। यह संक्रमण दिमाग और फेफड़ों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है।
2017 में मिला था पहला मामला साल 2017 में मंदसौर जिले में पहली बार स्क्रब टायफस के मामले सामने आए थे। इसके बाद से हर साल मरीज दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार अब तक किसी की मौत नहीं हुई है।
डॉ. शुभम सिलावट ने बताया कि बीमारी के लक्षणों में बुखार, सर्दी, खांसी और हाथ-पैर में दर्द शामिल हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत अस्पताल का रुख करना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि इन सावधानियों को अपनाकर बीमारी से सुरक्षित रहा जा सकता है।
सावधानी के उपाय:
- घर के आस-पास गाजर घास, झाड़ियां और कचरा हटाएं।
- शरीर को पूरी तरह ढककर रखें।
- आधी आस्तीन वाली शर्ट से बचें।
- घर और आसपास सफाई का खास ध्यान रखें।
मंदसौर में रहस्यमयी बीमारी के 6 मामले, 3 गंभीर: मुल्तानपुरा में 36 लोग मेडिकल ऑब्जर्वेशन में
मंदसौर का मुल्तानपुरा गांव गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (GBS) नाम की खतरनाक बीमारी की चपेट में आ गया है। अब तक यहां 6 लोग जीबीएस पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। इनमें से तीन मरीज ठीक हो चुके हैं जबकि तीन अभी भी वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। वहीं, 56 संदिग्ध में से 36 लोगों को मेडिकल ऑब्जर्वेशन में रखा गया है। इनमें दस्त, सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षण हैं।
