उज्जैन से बड़ी खबर
मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में शिप्रा नदी में कार समेत बह गई कॉन्स्टेबल आरती पाल का अब तक कोई पता नहीं चला है। पिछले 60 घंटे से लगातार सर्चिंग ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन सफलता हाथ नहीं लगी।
इस ऑपरेशन में NDRF, SDERF, होमगार्ड, पुलिस और मां शिप्रा तैराक दल के कुल 130 जवान जुटे हुए हैं। मंगलवार सुबह भी रेस्क्यू टीम ने पानी में उतरकर तलाशी अभियान शुरू किया।
हादसा कैसे हुआ?
शनिवार रात, उन्हेल थाने में पदस्थ कॉन्स्टेबल आरती पाल अपने थाने के टीआई अशोक शर्मा और एसआई मदनलाल निनामा के साथ एक नाबालिग के अपहरण केस की जांच करने उज्जैन के चिंतामन थाना क्षेत्र जा रही थीं।
- कार की रफ्तार तेज थी और अचानक नियंत्रण बिगड़ गया।
- कार सीधे शिप्रा नदी में जा गिरी।
- तीनों पुलिसकर्मी पानी में बह गए।
अब तक की खोजबीन
- रविवार को टीआई अशोक शर्मा का शव बरामद हुआ और उसी दिन उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।
- सोमवार शाम भैरवगढ़ क्षेत्र से एसआई मदनलाल निनामा का शव मिला।
- लेकिन कॉन्स्टेबल आरती पाल का अब तक कोई सुराग नहीं है।
रेस्क्यू टीम के मुताबिक, कार और आरती को खोजने के लिए सोनार डिटेक्शन उपकरण का इस्तेमाल किया जा रहा है।
130 जवान दो शिफ्ट में जुटे
हादसे के बाद से लगातार 43 घंटे से ज्यादा समय तक तलाशी अभियान चलाया जा चुका है।
- सुबह 5 बजे से रात 10 बजे तक जवान पानी में सर्चिंग कर रहे हैं।
- दो शिफ्ट में 130 सदस्य तैनात हैं।
- टीम में NDRF, SDERF, होमगार्ड, पुलिस और मां शिप्रा तैराक दल शामिल हैं।
- गहरे पानी में गोताखोरी करके हर संभव प्रयास किया जा रहा है।
तकनीकी मदद भी ली जा रही
रेस्क्यू टीम ने बताया कि अब तक कार का भी कोई पता नहीं चला है।
- सोनार डिवाइस की मदद से पानी के नीचे खोजबीन की जा रही है।
- नदी का बहाव तेज होने से मुश्किलें बढ़ गई हैं।
- अंधेरा होने के बाद हर दिन ऑपरेशन को रोकना पड़ता है।
उज्जैन हादसे से गमगीन पुलिस महकमा
लगातार तीन दिन से चल रही खोजबीन से पुलिस महकमे और परिजनों में गहरी चिंता है।
टीआई और एसआई के शव मिल जाने के बाद अब सभी की उम्मीदें सिर्फ कॉन्स्टेबल आरती पाल के सकुशल मिलने पर टिकी हैं।
हालांकि बचाव दल के सदस्यों का कहना है कि पानी का तेज बहाव और गहराई रेस्क्यू कार्य को बेहद कठिन बना रही है।
हादसे के बाद उठे सवाल
इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—
- आखिर तेज रफ्तार में नदी किनारे कार क्यों चलाई गई?
- क्या पुल और बैरियर पर सुरक्षा इंतजाम नाकाफी थे?
- रेस्क्यू में 60 घंटे से ज्यादा वक्त गुजरने के बावजूद कार का न मिलना जांच पर सवाल उठाता है।
परिजनों का इंतजार
आरती पाल के परिवार और सहकर्मी लगातार घटनास्थल पर मौजूद हैं। हर बीतते घंटे के साथ उनका इंतजार और बेचैनी बढ़ती जा रही है।
निष्कर्ष
उज्जैन की शिप्रा नदी हादसा पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। अब सबकी निगाहें रेस्क्यू टीम की मेहनत पर हैं। उम्मीद है कि आने वाले घंटों में कॉन्स्टेबल आरती पाल और उनकी कार का पता लगाया जा सकेगा।
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