हनुमान मंदिर में विश्राम कर रहे थे तीन जैन संत, आधी रात को हथियारों से किया हमला, जैन समाज में आक्रोश
नीमच, मध्य प्रदेश — धार्मिक शांति और अहिंसा के प्रतीक माने जाने वाले जैन संतों पर नीमच जिले के सिंगोली थाना क्षेत्र में लूट के इरादे से हमला कर दिया गया। रविवार और सोमवार की दरमियानी रात, हनुमान मंदिर (कछला गांव) में विश्राम कर रहे तीन जैन मुनियों पर छह बदमाशों ने लाठी और धारदार हथियारों से हमला किया। इस हमले से जैन समाज में आक्रोश फैल गया है और नगर बंद का आह्वान किया गया है।
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🛑 कैसे हुआ हमला? मंदिर में विश्राम कर रहे संतों पर हमला
घटना रविवार रात लगभग 12 बजे की है जब शैलेष मुनि जी, बलभद्र मुनि जी और मुनींद्र मुनि जी नीमच की ओर विहार करते समय कछला गांव स्थित हनुमान मंदिर में रुके थे। तभी तीन बाइक पर सवार 6 बदमाश वहां पहुंचे और पहले मंदिर के सामने शराब पीने लगे, फिर मुनियों से रुपयों की मांग करने लगे।
मुनियों के मना करने पर उन्होंने लाठी और धारदार हथियारों से हमला कर दिया। एक मुनि जान बचाने के लिए सड़क की ओर भागे और वहां से गुजर रहे एक बाइक सवार से समाज के लोगों को सूचना दिलाई।
👥 गांव वालों की सजगता से बचे संत, दो आरोपी मौके पर पकड़े गए
सूचना मिलते ही कछला गांव के कई ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। लोगों को आता देख चार हमलावर फरार हो गए, लेकिन दो आरोपियों को गांव वालों ने पकड़ लिया और पुलिस को सौंप दिया।
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🏥 मुनियों ने रात में अस्पताल जाने से किया इनकार
घटना के बाद घायल जैन मुनियों को सिंगोली अस्पताल ले जाया गया, लेकिन जैन परंपरा के अनुसार वे रात में इलाज नहीं कराते, इसलिए उन्होंने दवा लेने और इलाज कराने से इनकार कर दिया। सोमवार सुबह उन्हें जैन स्थानक भवन में शिफ्ट कर इलाज शुरू किया गया।
🧾 एफआईआर दर्ज, सभी 6 आरोपी हिरासत में
नीमच के एसपी अंकित जायसवाल ने बताया कि सभी 6 आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। हमलावरों के खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है और जांच जारी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, सभी आरोपी राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के रहने वाले हैं।
🗣️ समाज और प्रशासन की प्रतिक्रिया
जैन समाज की मांग: सख्त कार्रवाई हो
प्रदीप जैन, समाज के एक सदस्य ने बताया कि हमलावरों ने मुनियों के साथ लाठी-डंडों से बर्बरता की, उनके कपड़े फाड़ दिए और उनके सिर पर गंभीर चोट पहुंचाई। उन्होंने कहा कि यह अहिंसा के सिद्धांतों का सीधा उल्लंघन है और प्रशासन को इसमें त्वरित और कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

ग्रामीणों का गुस्सा फूटा, थाने का घेराव
घटना के बाद कछला गांव के ग्रामीण बड़ी संख्या में सिंगोली थाने पहुंचे और आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं गांव की छवि को धूमिल करती हैं।
📍 राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर प्रतिक्रिया
विधायक ओमप्रकाश सखलेचा बोले – “यह अहिंसा के सिद्धांतों का अपमान”
विधायक सखलेचा ने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि, “यह घटना न केवल धार्मिक भावनाओं को आहत करती है, बल्कि समाज की शांति और अहिंसा की नींव को भी कमजोर करती है। प्रशासन को चाहिए कि दोषियों को कानूनी सजा दिलाई जाए।”
⚖️ निष्कर्ष: धार्मिक स्थलों की सुरक्षा पर फिर से सवाल
इस गंभीर घटना ने एक बार फिर धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। अहिंसा और शांति के मार्ग पर चलने वाले जैन मुनियों पर हमला पूरे समाज के लिए चिंतन और कार्रवाई का विषय बन गया है।
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