प्रतापगढ़ न्यूज़: जिले में बालश्रम और मानव तस्करी का गंभीर मामला सामने आया है। स्थानीय स्वयंसेवी संगठन गायत्री सेवा संस्थान की सतर्कता से तीन जनजातीय बच्चों को गडरियों के चंगुल से छुड़ाया गया।
📌 ऐसे हुआ मामला उजागर
- गायत्री सेवा संस्थान के जिला समन्वयक रामचन्द्र मेघवाल फील्ड विजिट पर थे।
- उन्होंने देखा कि तीन अलग-अलग गडरिया समूह भेड़ों को चरा रहे थे और उनकी देखरेख तीन छोटे बच्चे कर रहे थे।
- शक होने पर उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।
🧒 बच्चों की हालत और पहचान
- जांच में पता चला कि बच्चे उदयपुर संभाग के अलग-अलग जिलों से लाए गए थे।
- आरोपियों ने उन्हें एडवांस पैसे देकर बंधुआ मजदूरी में झोंक दिया था।
- श्रम विभाग के प्रतिनिधि विक्रम सिंह ने बच्चों के बयान दर्ज किए।
👮 पुलिस की कार्रवाई
- पुलिस ने आरोपियों भूराराम, गुराराम और नैनाराम गडरिया के खिलाफ मामला दर्ज किया।
- बच्चों को सुरक्षित स्थान पर रखा गया है और आगे की जांच जारी है।
📢 पहले भी उठी थी आवाज
- कुछ वर्ष पहले भी ऐसे मामले सामने आए थे।
- तब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और राजस्थान बाल आयोग ने जांच टीम बनाई थी।
- तत्कालीन राष्ट्रीय बाल आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पाली के बाली पंचायत समिति में 2000 से अधिक समुदाय प्रतिनिधियों से संवाद किया था।
- रेबारी, रायका और गडरिया समुदाय के संगठनों से बालश्रम की पहचान कर रोकथाम की अपील की गई थी।
👉 इंटरनल लिंक: राजस्थान की ताज़ा खबरें पढ़ें
📢 नतीजा
प्रतापगढ़ में सामने आया यह मामला एक बार फिर बालश्रम और मानव तस्करी की जमीनी हकीकत को उजागर करता है। सामाजिक संगठनों और पुलिस की सतर्कता से बच्चों को मुक्त कराया गया, लेकिन यह समस्या अब भी जड़ से खत्म नहीं हुई है।

#PratapgarhNews #RajasthanNews #ChildLabour #HumanTrafficking #GayatriSevaSansthan #ChildRights #PoliceAction