उदयपुर

उदयपुर एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा: निर्माणाधीन बिल्डिंग की शटरिंग गिरने से 3 मजदूर घायल

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स्थान: डबोक, उदयपुर |

मंगलवार देर रात उदयपुर जिले से करीब 25 किलोमीटर दूर डबोक स्थित महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पर एक बड़ा हादसा हो गया। यहां इंटरनेशनल एयरपोर्ट के मानकों के अनुसार चल रहे निर्माण कार्य के दौरान निर्माणाधीन बिल्डिंग की छत की शटरिंग गिर गई, जिससे तीन मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए।

इस घटना से प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा उपायों की कमी पर सवाल उठने लगे हैं। हादसा रात करीब 11:30 बजे हुआ, जब छत की भराई से पहले लोहे के सरिए और पाइप लगाए जा रहे थे।


👷 क्या हुआ हादसे में?

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, निर्माण के दौरान अचानक कुछ लोहे के सरिए और पाइप अपनी जगह से झूलकर नीचे गिर गए। उस समय तीन मजदूर — अब्दुल्ला, कन्हैयालाल और रहीम — साइट पर कार्यरत थे। यह सभी पाइपों की चपेट में आ गए, जिससे इनके हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आईं।


🏥 घायलों की हालत अब कैसी है?

घटना के तुरंत बाद एयरपोर्ट प्रबंधन और डबोक थाना पुलिस मौके पर पहुंचे। घायलों को सरकारी एमबी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

डबोक थानाधिकारी हुकम सिंह ने जानकारी दी कि, “निर्माणाधीन भवन की छत भरने से पहले लोहे की शटरिंग की जा रही थी। इसी दौरान यह हादसा हुआ।”


🛑 निर्माण कार्य में लापरवाही?

उदयपुर एयरपोर्ट पर चल रहा निर्माण कार्य न्याति इंजीनियरिंग कंपनी को ठेके पर दिया गया है। लेकिन जिस तरह से सुरक्षा मानकों की अनदेखी हुई, उसने एयरपोर्ट प्रबंधन की निगरानी प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

इस प्रकार की घटनाएं न केवल मजदूरों की जान के लिए खतरा हैं, बल्कि प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता को भी प्रभावित करती हैं।


🔎 प्रशासन से अपेक्षित कदम:

  1. निर्माण स्थलों पर सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन अनिवार्य किया जाए।
  2. ठेकेदार कंपनियों की पृष्ठभूमि और कार्यक्षमता की समीक्षा की जाए।
  3. ऐसे हादसों की सीआईडी या टेक्निकल ऑडिट करवाई जाए।
  4. निर्माण स्थलों पर CCTV निगरानी और रियल टाइम मॉनिटरिंग को अनिवार्य किया जाए।

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निष्कर्ष:
ऐसे हादसे दर्शाते हैं कि निर्माण स्थलों पर मानव जीवन की सुरक्षा को प्राथमिकता दिए बिना कार्य करना कितना खतरनाक हो सकता है। अगर समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में और भी गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं।