चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार टोल नाके पर एक महिला आरटीओ इंस्पेक्टर और ट्रक ड्राइवर के बीच हुई झड़प का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस घटना ने प्रशासन और आमजन के बीच अविश्वास की लहर पैदा कर दी है। वीडियो सामने आने के बाद चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
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🚨 वायरल वीडियो ने मचाई हलचल
बुधवार सुबह गंगरार टोल प्लाज़ा पर आरटीओ इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी और ट्रक ड्राइवर नाजिम खां के बीच कहासुनी के बाद मामला हिंसक हो गया। वीडियो में महिला अधिकारी ड्राइवर के बाल खींचती और धक्का देती नजर आ रही हैं। अन्य आरटीओ कर्मी भी मारपीट में शामिल दिख रहे हैं।
यह वीडियो गुरुवार दोपहर तक सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और जिलेभर में हड़कंप मच गया।
🛣️ क्या कहती हैं महिला इंस्पेक्टर?
मुक्ता सोनी का कहना है कि ट्रक ड्राइवर ने ट्रक को हाईवे पर रोककर जाम की स्थिति बना दी थी और चाबी लेकर भागने की कोशिश कर रहा था। इसलिए उसे रोकने के लिए बल प्रयोग किया गया। उनके अनुसार, ड्राइवर के खिलाफ गंगरार थाने में रिपोर्ट दर्ज कर उसे धारा 151 के तहत हिरासत में लिया गया।
🔥 विधायक आक्या ने खोला मोर्चा
विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने इस घटना को पूरी तरह से गलत बताते हुए कहा:
“यह पहला मामला नहीं है। इस महिला इंस्पेक्टर के खिलाफ पहले भी 4-5 शिकायतें हो चुकी हैं। यह अधिकारी अपने पद का दुरुपयोग कर रही है और आम नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार कर रही है।”
विधायक ने यह भी आरोप लगाया कि RTO विभाग में कुछ अधिकारी नियमों की अनदेखी कर के सड़क पर लूट-खसोट और गुंडागर्दी कर रहे हैं।
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❌ क्या कानून से ऊपर है कोई?
विधायक आक्या ने यह भी कहा कि यदि ड्राइवर दोषी था, तो उसके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए थी। किसी भी परिस्थिति में शारीरिक हिंसा स्वीकार्य नहीं है।
“अगर कोई कानून तोड़ता है, तो उसे कानून के अनुसार दंडित किया जाना चाहिए, न कि किसी अधिकारी द्वारा खुलेआम मारपीट की जाए।”
🕵️♀️ पूर्व में रिश्वत मामला भी जुड़ा रहा है नाम से
महिला आरटीओ इंस्पेक्टर मुक्ता सोनी पहले भी विवादों में रह चुकी हैं। साल 2019 में रींगस में ACB ने उन्हें 70,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ा था, जिसके बाद उन्हें निलंबित किया गया था।
📣 जनता में रोष और सोशल मीडिया पर विरोध
इस वीडियो के सामने आने के बाद जनता में गुस्सा साफ देखा जा रहा है। ट्विटर और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग #ChittorgarhRTO, #JusticeForDriver, #RTOAbuseOfPower जैसे हैशटैग्स के साथ अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
🔍 निष्कर्ष: जवाबदेही तय होनी चाहिए
यह घटना केवल एक झड़प नहीं बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही पर बड़ा सवाल है। एक तरफ कानून का पालन करवाने वाले अधिकारी खुद कानून तोड़ते दिख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर आमजन असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
✅ RTO विभाग की कार्यशैली पर गंभीर मंथन की जरूरत है।
✅ सरकार को चाहिए कि इस पूरे प्रकरण की स्वतंत्र जांच करवाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे।
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